गौर के बाद इस दिग्गज नेता का दावा, कांग्रेस से मिला ऑफर

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भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर के बाद भाजपा से बागी हुए वरिष्ठ नेता रामकृष्ण कुसमारियां ने बड़ा खुलासा किया है। उन्होंने कहा है कि कांग्रेस से उन्हें भी ऑफर मिला है। उन्होंने कहा है कि मुझे भी कांग्रेस ने बुंदेलखंड की किसी भी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया है। बुंदेलखंड या जबलपुर से मैं चुनाव लड़ सकता हूं। वही कांग्रेस की तरफ से भी इस बात के संकेत दिए गए है।  इससे पहले कांग्रेस ने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर को ऑफर दिया था, जिसको लेकर सियासत पहले से ही गर्माई हुई है, ऐसे में कुसमारिया के बयान ने नई चर्चा शुरू कर दी है| 

दरअसल, सोमवार को विधानसभा चुनाव के बीजेपी से बागी होकर चुनाव लड़े रामकृष्ण कुसमरिया पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर से मिलने उनके घर पहुंचे थे। गौर से चर्चा के बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि हम तो योद्धा है, बाजू-हाथ फड़कते हैं और अभी हथियार नहीं डाले हैं। अब लोकसभा चुनाव भी लड़ूंगा। जहां से सम्मानजनक स्थिति होगी उनकी ओर से लड़ूंगा, पर चुनावी मैदान में जरूर उतरुगां। मैंने विधानसभा चुनाव के दौरान बीजेपी से 5 जगह से टिकट मांगा था, लेकिन नहीं दिया तो 11 जगह हार का सामना करना पड़ा। दो जगह तो मैंने डंके की चोट पर हराया, जहां से मैं निर्दलीय खड़ा हुआ था। वो जो हमसे जूनियर हैं, हमसे हैसियत पूछते थे। इसलिए हमें हैसियत दिखानी पड़ी और सरकार चली गई। वही उन्होंने कहा खुलासा करते हुए कहा कि मुझे भी कांग्रेस ने बुंदेलखंड की किसी भी लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का ऑफर दिया गया है। बुंदेलखंड या जबलपुर से मैं चुनाव लड़ सकता हूं।  बाबूलाल गौर से मिलने के सवाल पर कुसमरिया बोले कि गौर साहब से ऊर्जा मिलती है, राजनीति में आगे बढ़े हैं तो गौर साहब के कारण।

सर्वे में नाम होने के बावजूद भाजपा ने नही दिया टिकट -गौर

कुसमारिया ने कहा बीजेपी के सभी बुजुर्ग नेता एकजुट होकर रणनीति बना रहे हैं। इस रणनीति का असर लोकसभा चुनाव पर भी पड़ेगा और पार्टी के कई बुज़ुर्ग नेताओं ने तो लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए ताल भी ठोंक दी है। वही गौर ने कहा कि सर्वे में नाम होने के बावजूद पार्टी ने कुसमारिया जैसे जिताऊ नेता को टिकट नहीं दिया। पार्टी की हार का यही कारण रहा। 

इधर कमलनाथ ने दिए संकेत

वही मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोमवार को साफ कर दिया है कि हर समाजसेवक का कांग्रेस में स्वागत है। उन्होंने यह संकेत पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर और रामकृष्ण कुसमरिया को लेकर पूछे गए सवाल पर दिए।मुख्यमंत्री नाथ ने गौर द्वारा उन्हें अपना नेता बताए जाने के सवाल पर कहा कि हर व्यक्ति को विचार रखने की स्वतंत्रता है। उन्हें नेता मानने की बात कुछ लोग कह रहे हैं, लेकिन कुछ कह नहीं पा रहे हैं। मगर सभी लोग दिल में वही बात कह रहे हैं जो गौर खुलकर कह रहे हैं।

गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव की तरह लोकसभा चुनाव के पहले एक बार फिर मध्यप्रदेश की सियासत गर्मा गई है। एक के बाद एक भाजपा नेताओं को कांग्रेस में शामिल होने के ऑफर मिल रहे है। बाबूलाल गौर के बाद कुसमारिया को कांग्रेस से ऑफर दिया गया है। इसके पहले विधानसभा के दौरान भाजपा से बागी हुए सरताज सिंह टिकट ना मिलने से नाराज होकर कांग्रेस में शामिल हो गए थे। अब गौर औऱ कुसमारिया को लेकर भी अटकले तेज हो चली है। गौर ने अभी इस पर विचार करने की बात कही है वही कुसमारिया ने तो साफ कर दिया है वे बुन्देलखंड या जबलपुर में से कही से भी चुनाव लड़ सकते है। विधानसभा चुनाव हारने के बाद बीजेपी के सामने वैसे ही कई चुनौतियां हैं, ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ और बुजुर्ग नेताओं का इस तरह से बागी होना, कहीं न कहीं नुकसान दायक साबित हो सकता है। हालांकि गौर पहले ही कह चुके है कि अगर लोकसभा चुनाव में पार्टी ने वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी की तो इसका नुकसान उन्हें जरुर उठाना पड़ेगा।


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