भोपाल| लोकसभा चुनाव के लिए कांग्रेस जल्द ही मध्य प्रदेश की कुछ सीटों पर प्रत्याशियों की घोषणा कर सकती है| सोमवार से एक बार फिर मंथन शुरू होगा| मुख्यमंत्री कमलनाथ दो दिन के छिंदवाड़ा दौरे के बाद रविवार शाम को दिल्ली रवाना हो रहे हैं। दिल्ली में मप्र में टिकट वितरण को लेकर आयोजित स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक में भाग लेने का कार्यक्रम है। इसके बाद सोमवार से दो दिनों तक प्रदेश की सीटों पर चर्चा होगी| दिल्ली में स्क्रीनिंग कमेटी और केंद्रीय चुनाव समिति बैठकें हो चुकी हैं| जिनमे 17 सीटों पर सिंगल नाम तय किए हैं। कुछ सीटों को होल्ड रखा गया है| 19 सीटों पर सोमवार से मंथन शुरू होगा| कांग्रेस में दमदार प्रत्याशियों को मैदान में उतारने की तैयारी की जा रही है, जिसके चलते नाम फाइनल होने में देरी हो रही है| वहीं सीटों को लेकर खींचतान भी सामने आई है, जिसके चलते सभी को साधते हुए पार्टी फैसला करेगी|
राज्यसभा सदस्य दिग्विजय सिंह और सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया की सीटों का अंतिम फैसला होने की वजह से गुना और राजगढ़ भी अन्य सीटों की तरह अधर में लटकी हैं। वहीं, केंद्रीय चुनाव समिति में अभी मध्यप्रदेश की सीटों पर चर्चा की शुरुआत नहीं हो सकी है। सोमवार को मंथन के बाद जल्द ही पहली सूची जारी की सकती है| मुख्यमंत्री ने भी शनिवार को इस बात के संकेत दिए हैं कि अगले तीन से चार दिनों में टिकट वितरण शुरू होगा। क्योंकि मध्यप्रदेश में चौथे चरण में चुनाव होना है। वहीं कई सीटों पर विवाद की स्तिथि बनने के बाद साधने के कोईश की जा ऋ है| खंडवा सीट पर निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह ठाकुर, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण यादव को टिकट दिए जाने का विरोध कर रहे हैं। वे चाहते हैं कि इस सीट से किसी स्थानीय व्यक्ति को टिकट मिले। यादव पर पहले अपने गुट को आगे बढ़ाने का आरोप लगता रहा है। इसी के चलते पिछले लोकसभा चुनाव में यादव इस सीट से ढाई लाख से ज्यादा वोटों से हारे थे। वहीं, उनके सांसद रहते हुए 2013 के विधानसभा चुनाव में खंडवा संसदीय क्षेत्र से भीकनगांव सीट को छोड़कर सभी सात पर पार्टी को करारी हार मिली थीञ इसी तरह 2018 में भी जिन प्रत्याशियों को टिकट दिलाने में उन्होंने सहयोग किया वे भी चुनाव हार गए। इनमें पंधाना से छाया मोरे और बुरहानपुर से रवींद्र महाजन चुनाव हार गए थे। पूर्व नेता प्रतिपक्ष अजय सिंह को लेकर भी सतना और सीधी के बीच पेंच फंसा हुआ है|
इन सीटों पर कांग्रेस के नाम तय माने जा रहे हैं
-राजगढ़-गुना की सीट पर संशय
-छिंदवाड़ा से नकुलनाथ,
-रतलाम-झाबुआ से कांतिलाल भूरिया
-मुरैना से रामनिवास रावत,
-भिंड से महेंद्र बौद्ध
-सागर से प्रभु सिंह ठाकुर,टीकमगढ़ से संजग कसगर
-दमोह से रामकृष्ण कुसमारिया, सतना से राजेन्द्र सिंह
-रीवा से सिद्धार्थ तिवारी, सीधी से अजय सिंह
-मंडला से गुलाब सिंह, बालाघाट से विश्वेर भगत
-देवास से प्रह्लाद टिपानिया, उज्जैन से नीतीश सिलावट
-धार से गजेंद्र सिंह, खरगोन से प्रवीना बच्चन
-खंडवा से अरुण यादव का नाम तय माना जा रहा है
इन सीटों पर नाम तय माने जा रहे हैं, लेकिन बदले समीकरण और विवाद की स्तिथि को देखते हुए कुछ फेरबदल किया जा सकता है| बदली हुई परिस्थितियों में रीवा से दिवंगत नेता सुंदरलाल तिवारी के बेटे सिद्धार्थराज को टिकट देने पर चर्चा चल रही है| वहीं दिग्विजय, सिंधिया और अजय सिंह का नाम तय होने के बाद भी अब तक अंतिम मुहर नहीं लग पाई है|