बुरहानपुर।
लोकसभा चुनाव में मिली करारी हार के बाद भी कांग्रेस में अंतरकलह थमने का नाम नही ले रही है। आए दिन अंदरखाने से विवाद की खबरे मीडिया में सुर्खियां बन रही है। ताजा मामला बुरहानपुर से सामने आया है।जहां प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट की जिला उपाध्यक्ष और वरिष्ठ कांग्रेस नेता इकराम उल्ला अंसारी ‘गब्बू सेठ’ से तीखी नोंकझोंक हो गई। अंसारी ने कहा कि आप मंत्री बनने से पहले कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं। कार्यकर्ताओं को आप समय नहीं देते। इस पर मंत्री ने तीखे तेवर में कहा आप जोर से मत बोलो, ऐसा नही चलेगा। मामला बढ़ता देख कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने कार्यकर्ताओं को समझाइश दी। बाद में सिलावट ने भी सभी नेताओं व कार्यकर्ताओं से एक-एक करके मुलाकात की और मनाने का प्रयास किया।
दरअसल, लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद पहली बार जिला प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट शनिवार को बुरहानपुर पहुंचे थे। इस दौरान वे रेस्ट हाउस के बाहर बैठे कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं से मिले बिना निर्दलीय विधायक ठाकुर सुरेंद्रसिंह के साथ सीधे कक्ष में कलेक्टर-एसपी व अन्य अफसरों से मिलने चले गए। इस पर वरिष्ठ कांग्रेस नेता इकराम उल्ला अंसारी ‘गब्बू सेठ’ भड़क गए और कहा कि मंत्री सिलावट शहर कांग्रेस अध्यक्ष अजयसिंह रघुवंशी एवं कार्यकर्ताओं को दरकिनार कर रहे हैं। रेस्ट हाउस में उनकी अनदेखी की गई, जिसके बाद उन्होंने प्रभारी मंत्री को जमकर खरी खोटी सुनाई। कुछ देर के लिए वह अपना आपा भी खो बैठे थे, जिसके बाद प्रभारी मंत्री ने उन्हें तमीज से बात करने की हिदायत दी।अंसारी ने नाराजगी जताते हुए कहा कि आप मंत्री बनने से पहले कांग्रेस के कार्यकर्ता हैं। कार्यकर्ताओं को आप समय नहीं देते। इस पर मंत्री ने तीखे तेवर में कहा आप जोर से मत बोलो। मैं सबकी बात सुन रहा हूं।कांग्रेसी कार्यकर्ताओं और मंत्री के बीच करीब आधे घंटे तक जमकर बहस हुई। बाद में आपसी समझाइश के बाद मामला शांत हुआ। इसके बाद मंत्री जब तक रेस्ट हाउस में रहे एक-एक कार्यकर्ताओं से मिलते रहे।
हंगामे के बाद क्या बोले नेता
नाराजगी नहीं हमारी पीड़ा है। सिस्टम यह है कि पहले कार्यकर्ताओं से पेयजल व बिजली सप्लाई व्यवस्था को लेकर मंत्री सिलावट फीड बैक लेते, उसके बाद अफसरों की बैठक लेते।
इकरामउल्ला अंसारी ,वरिष्ठ कांग्रेस नेता, मप्र
यह हमारे परिवार का मामला है. परंतु परिवार में भी मर्यादा होनी चाहिए। इकराम अंसारी को इस प्रकार के लहजे का उपयोग नहीं करना था।
ठाकुर सुरेंद्र सिंह शेरा, निर्दलीय विधायक, मप्र
हमारे कार्यकर्ताओं का विश्वास और उनका प्रेम था। उनका ये संवाद था। उनको मुझसे बात करने और अपनी बात बोलने का पूरा अधिकार था। वो मुझे नहीं बोलेंगे तो कि से बोलेंगे। कार्यकर्ताओं की भावनाओं का मैं सम्मान करता हूं। उनकी हर बात सुनी जाएगी।
तुलसी सिलावट, प्रभारी मंत्री