टमाटर को लेकर विवाद, गरमागरमी में सब्जी विक्रेता ने ग्राहक पर किया हमला

Dispute over the price of tomatoes : टमाटर की आसमान छूती कीमतों ने आम आदमी को परेशान कर रखा है। ये एक ऐसी चीज है जिसके बिना रसोई अधूरी है। अधिकांश सब्जियां इसके बिना फीकी लगती है। लेकिन भाव खा रहे टमाटर के कारण किचन और ज़बान दोनों का ज़ायका बिगड़ा हुआ है। ऐसे में अब टमाटर को लेकर झगड़े फसाद भी होने लगे हैं।

मामला महाराष्ट्र के पुणे का है। यहां के वडगांव शेरी सब्जी बाजार में एक शख्स सब्जी खरीदने आया था और वो टमाटर के भाव पूछने लगा। 42 वर्षीय गोपाल ढेपे ने जब टमाटर की कीमत सुनी तो सब्जी बेचने वाले अनिल गायकवाड़ से कहा कि वो बहुत महंगा बेच रहे हैं। गायकवाड़ ने कहा था कि 20 रूपये के 250 ग्राम टमाटर है। इसी बात पर दोनों में बहस छिड़ गई और तकरार बढ़ने लगी। गरमागरमी में सब्जी विक्रेता ने उनके चेहरे पर तराजू और सब्जी तौलने वाले बाट से हमला कर दिया।

इस हिंसक झड़प में गोपाल ढेपे को चेहरे पर चोट आई है। उन्होने मामले की शिकायत चंदन नगर पुलिस स्टेशन में की। पुलिस ने अलग अलग धाराओं में मामला पंजीबद्ध किया है और जांच की जा रही है। ये घटना मामूली नहीं, दिनोंदिन बढ़ती महंगाई ने आम आदमी का जीना मुश्किल कर दिया है। ऐसे में अगर बहुत सामान्य वस्तुओं की कीमतें भी इस तरह बढ़ने लगेंगी तो गुस्सा फूटना स्वाभाविक है। कीमत बढ़ने में न खरीदार की गलती है न सब्जी बेचने वाले की। वो दोनों ही महंगाई से त्रस्त हैं और दोनों को अपना जीवन और परिवार भी चलाना है। लेकिन गुस्से की ये परिणिति खतरनाक है और आपराधिक मामला भी। ये घटना हमें सोचने पर मजबूर करती है कि दिनोंदिन कठिन हो रहे हालात के बीच अपनी भावनाओं पर कंट्रोल करना और व्यवहार को निंयत्रित करना कितना जरुरी है।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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