भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मौजूदा मौसम (season) और समय में सीजनल वायरल इंफेक्शन (seasonal viral infection) फैलता ही है। इस बार इसी समय कोरोना (corona) के चरम पर होने की वजह से लोग सीजनल इंफेक्शन को भी कोरोना संक्रमण समझकर दहशत (fear) में हैं। दोनों ही बीमारी के लक्षण लगभग (symptoms) एक जैसे ही हैं जिसके चलते लोग कोरोना संक्रमण की जांच करवा रहे हैं और मानसिक उथल-पुथल से जूझ रहे हैं। डॉक्टरों (doctors) के अनुसार जो लोग सीजनल वायरल इंफेक्शन से पीड़ित हैं अधिकतर उनकी रिपोर्ट निगेटिव आ रही है। डॉक्टर उन्हें संदिग्ध कोरोना संक्रमित की श्रेणी में रखकर पहले उनकी जांच कर रहे हैं।
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डॉक्टरों की मानें तो वायरल इंफेक्शन के चलते बुखार, गले में खराश, खांसी और बदन टूटता है। साथ ही कमजोरी भी आजाती है। ये सभी लक्षण कोरोना संक्रमण के भी हैं। इस वजह से लक्षणों के उभरते ही लोगों को जांच करवाने में कोई लापरवाही नहीं बरतनी चाहिए। जब कोई संदिग्ध मरीज आता है तो वायरल इंफेक्शन का इलाज तुरंत ही शुरू कर दिया जाता है। यदि कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव आती है तो इलाज में बदलाव कर दिए जाते हैं। किसी भी प्रकार के वायरल इंफेक्शन में तरल पदार्थ ज़्यादा से ज़्यादा लेने की सलाह दी गयी है।
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डाइट में क्या- क्या करें शामिल
डॉक्टरों की मानें तो सबसे पहले तो ये सुनिश्चित करें कि आप भारी नाश्ता कर रहे हों। क्योंकि ऐसा न करने वाले सामान्य लोगों से अधिक कमज़ोर होते हैं। उनके दिमाग में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है। इसके साथ ही दिन में तीन बार खाना आवश्यक है। थोड़ी थोड़ी देर में कुछ न कुछ कहते रहना चाहिए। नाश्ते में दही, सब्जी रोटी और एक गिलास दूध अवश्य लेना चाहिए। दोपहर के खाने में दही, सलाद, सब्जी चावल और रोटी खाना चाहिए। सेब और केले में अच्छी मात्रा में पोटेशियम और आयरन होता है अतः इन दोनों का सेवन करना चाहिए। ये शरीर को ताकत देते है। इसके साथ ही तरल पदार्थों पर ज़्यादा निर्भर रहें।