इंदौर, आकाश धोलपुरे। डॉक्टरों को धरती पर ईश्वर का दूसरा रूप कहा जाता है लेकिन कई बार कुछ वाकये ऐसे हो जाते हैं कि ये मान्यताएं उलटी पड़ती दिखती है। इंदौर वैसे ही पिछले कुछ समय से अस्पतालों में हो रही लापरवाहियों के कारण चर्चाओं में है, और अब एक बार फिर डॉक्टरों ने कुछ ऐसा कारनामा कर दिया है कि मेडिकल प्रोफेशन शर्मसार है। प्रदेश के सबसे बड़े शासकीय एमवाय अस्पताल के डॉक्टरों पर न सिर्फ पेशेंट, बल्कि मीडिया और पुलिसवालों के साथ भी मारपीट का आरोप लगा है।
ये मामला प्रदेश के सबसे बड़े सरकारी एमवाय अस्पताल का है, जहां सड़क दुर्घटना के बाद दो भाई परदेशीपुरा पुलिस आरक्षक के साथ एमएलसी के लिए अस्पताल पहुंचे थे। लेकिन डॉक्टर्स का रवैया मरीजों के प्रति इतना नकारात्मक रहा कि ना तो उन्होंने मीडिया की परवाह की, न ही उन्हें खाकी का खौफ रहा। परदेशीपुरा थाना क्षेत्र के आरक्षक अशोक, सड़क दुर्घटना के बाद प्रदीप और किशोर नामक दो भाइयों को एमएलसी के लिए रविवार रात एमवाय अस्पताल लाये। इस दौरान एक भाई की एमएलसी तो डॉक्टरों ने कर दी लेकिन दूसरे भाई से पहले डॉक्टर अन्य काम में व्यस्त नजर आए। इसपर दूसरे भाई ने डॉक्टर से कहा कि उसकी एमएलसी भी जल्द कर दें, लेकिन इतनी सी बात पर डॉक्टर्स ने मरीज के साथ गाली गलौज शुरू कर दी। उसके बाद हंगामा इतना बढ़ गया कि डॉक्टर्स ने दोनों भाइयों को पीटना भी शुरू कर दिया। इतना ही नही बचाव में आये पुलिस जवान के साथ भी मारपीट की गई। डॉक्टरों का ये रूप देख सभी अस्पताल से बाहर भागने लगे और जब मीडिया को जानकारी लगी तो मीडिया ने पूरे मामले को कवर करना शुरू कर दिया। लेकिन इस दौरान क्राइम रिपोर्टर भरत पाटिल पर भी डॉक्टरों ने हमला बोल दिया। लेकिन भरत पाटिल ने हार नहीं मानी और डॉक्टर्स को उनकी जिम्मेदारी का अहसास दिलाया।
इस बीच मामला इतना बिगड़ गया कि पुलिस के आला अधिकारियों को देर रात अस्पताल परिसर को पुलिस छावनी बनाना पड़ा। घटना के बाद डॉक्टर्स ने जूनियर डॉक्टर्स को एकत्रित कर शक्ति प्रदर्शन करने की कोशिश की और काम बंद कर मरीजों को भगाने लगे। इसके बाद सीनियर डॉक्टर्स के दखल के बाद डॉक्टर्स ने काम शुरू किया। इधर, पीड़ित भाइयों की माने तो मारपीट करने वाले डॉक्टर्स शराब के नशे में थे। वहीं इस बात को मौके पर मौजूद पुलिस जवान भी नकार नहीं पा रहे हैं। आखिर में पीड़ित भाइयों, पुलिस और क्राइम रिपोर्टर भरत पाटिल ने मामले की शिकायत संयोगितागंज थाने में कर दी। इसके बाद डॉक्टर्स ने भी अपनी तरफ से शिकायत दर्ज कराई है।
सोमवार को मीडियाकर्मियों ने डीआईजी से पूरे मामले में शिकायत की और डीआईजी हरिनारायणचारि मिश्र ने घटना की जांच का आश्वासन दिया है। दरअसल, पूरी घटना अस्पताल के सीसीटीवी कैमरों में कैद है। ऐसे में अब सीसीटीवी को पुलिस खंगालती है तो पूरे मामले की सच्चाई सामने आ ही जायेगी। फिलहाल, इस मामले में पीड़ित भाइयों को छोड़कर सभी कोरोना वारियर्स है जिसके बाद सवाल ये उठ रहे है कि ईश्वर का दर्जा प्राप्त डॉक्टर्स ही जब ऐसी हरकतें करेंगे तो तो फिर संकट काल मे समन्वय बनाकर काम करना कैसे संभव हो सकेगा।