भोपाल। पूर्व सरकार के दो लाख करोड़ के कर्ज की मार वर्तमान सरकार पर पड़ रही है। हाल ही में कमलनाथ सरकार ने सत्ता में आते ही किसानों का 55 हजार करोड़ कर्ज माफ किया है। इसकी कवायद भी शुरू हो चुकी है। लिहाजा आगामी वित्त वर्ष में भी ये संटक गहरा सकता है। इसलिए अब वित्त विभाग फिजूलखर्ची में कटौती करने की तैयारी में है। वित्त मंत्री तरूण भनोत ने बचत के लिए एक नया फॉर्मूला तैयार किया है जो अफसर और मंत्रियों पर भी लागू होगा। अब प्रदेश के मंत्री-अफसर एक से अधिक सरकारी गाड़ी का उपयोग नहीं कर सकेंगे। इस संबंध में वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिये हैं।
फिलहाल अफसरों के साथ उनका काफिला चलता है। इसमें फिजूलखर्ची भी होती है। प्रदेश पर पहले से ही कर्ज का बोझ है। हाल ही में कमलनाथ सरकार ने भी बाजार से कर्ज उठाया है। ऐसे में वित्त व्यवस्था को बनाए रखने के लिए सरकारी खर्चों पर लगाम लगाने का काम किया जा रहा है। वित्त विभाग ने अन्य विभागों से उनका मासिक खर्च का ब्योरा मांगा है। इसके साथ ही वित्त विभाग ने सभी विभागों से कहा है कि जैसा कि बीते सालों में प्रस्ताव बजट में शामिल करने के लिए भेज दिए जाते थे। अब ऐसा नहीं चलेगा जो जरूरी जनकल्याण के काम हों, उन्हीं के प्रस्ताव लेखानुदान में शामिल करने के लिए भेजे जाएं। इस साल विधानसभा का 18 से 21 फरवरी तक बजट सत्र बुलाया गया है, जिसमें सरकार अगले पांच महीनों के खर्चे के लिए करीब 70 हजार करोड़ का लेखानुदान लाने जा रही है।
यहां होगी कटौती
– प्रदेश में जहां नई सड़कों का निर्माण होना है और पुरानी की मरम्मत की जरूर है उनके लिए वित्त वाभाग ने 5500 करोड़ रुपए का बजट प्रवधान रखा है। फिलहाल सड़कों के लिए 7500 करोड़ की जरूरत है। इस तरह सरकार 2500 करोड़ रुपए की कटौती करेगी।
– किसान कर्ज माफी के बाद सरकार अब आंतरिक खर्चों पर कटौती करेगी। इसमें सरकार का स्थापना व्यय शामिल है। इसपर खर्च 42 हजार करोड़ हो रहा है। इसमें अफसरों और कर्मचारियों के वेतन भत्तों में खर्चा 30 हजार करोड़ के करीब है। इसके अलावा 12 हजार करोड़ रुपए वाहनों, सरकारी दफ्तरों के फर्नीचर और स्टेशनरी पर खर्च होते हैं, इसमें से 5000 करोड़ की कटौती किया जाना है। यह राशि किसानों की कर्जमाफी में समाहित की जाएगी।