भोपाल| विधायक पुत्र पर केस दर्ज करने वाले आईपीएस अधिकारी और मुरैना के एसपी रियाज इकबाल के तबादले पर सरकार घिर गई है| पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार पर बड़ा हमला बोलते हुए तबादला प्रक्रिया पर सवाल उठाये हैं| शिवराज ने निशाना साधते हुए कहा जिस अधिकारी ने ईमानदारी से अपना काम किया, उसे ही सरकार ने हटा दिया। वाकई में यही है ‘वक्त बदलाव का’| प्रदेशवासी चिंता न करें, मैं उनके साथ हूँ, उनकी लड़ाई मैं लड़ूंगा, न्याय मैं दिलाऊंगा।
दरअसल, कमलनाथ कैबिनेट में जगह नहीं मिलने से नाराज चल रहे मुरैना जिले के सुमावली से विधायक एदल सिंह कंसाना के बेटे राहुल सिंह कंसाना के खिलाफ टोल नाका के कर्मचारियों से की गई मारपीट के मामले में एसपी रियाज इकबाल को कार्रवाई करना महंगा पड़ा है| मंगलवार को उनका तबादला कर दिया गया| सत्ता परिवर्तन के बाद से ही प्रदेश में तबादलों का ताबड़तोड़ दौर शुरू हुआ है| इसमें राजनीतिक हस्तक्षेप भी हावी है| बीते दिनों पूर्व मंत्री और कांग्रेस विधायक एदल सिंह कंसाना के बेटे राहुल सिंह के टोल कर्मियों पर फायरिंग के मामले के बाद एसपी रियाज इकबाल ने मुकदमा दर्ज किया था| एदल सिंह कंसाना ने पुलिस पर फर्जी मुकदमा दर्ज करने का आरोप लगाया था। इस घटनाक्रम से विधायक कंसाना बेहद नाराज थे। जिसके बाद उनका तबादला कर दिया| जनवरी में ही उन्हें सिंगरौली से तबादला कर मुरैना की कमान सौंपी गई थी| डेढ़ माह से भी कम वक्त में उनका फिर तबादला कर दिया गया| मामले में विधायक के दवाब के चलते एसपी के तबादले पर सरकार घिर गई है| बिना किसी जांच के ही सीधे उन्हें हटाना विपक्ष को भी एक मुद्दा मिल गया है| जबकि विपक्ष पहले से ही तबादलों को सरकार की घेराबंदी कर रहा है|
बदमाशों के हौसले इसीलिए बुलंद हैं, यह उनकी सरकार है
पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सरकार पर निशाना साधा है| उन्होंने ट्वीट कर लिखा है कि “साहब को छींक आयी, एक अधिकारी का तबादला हुआ। खाँसी आयी तो दूसरे अधिकारी का तबादला हुआ। अफसरों को चक्करघिन्नी बना दिया है। लगता है तबादलों का वर्ल्ड रिकॉर्ड मध्यप्रदेश की कांग्रेस सरकार ही बनाएगी।प्रदेशवासी चिंता न करें, मैं उनके साथ हूँ, उनकी लड़ाई मैं लड़ूंगा, न्याय मैं दिलाऊंगा’..। उन्होंने आगे लिखा है “कांग्रेस नेता प्रदेश में हो रही हर आपराधिक घटना के लिए भाजपा को दोष देते हैं जबकि स्वयं विधायक पुत्र कानून से खिलवाड़ करते फिर रहे हैं। अपने नेताओं को समझाना तो दूर, जिस अधिकारी ने ईमानदारी से अपना काम किया, उसे ही सरकार ने हटा दिया। वाकई में यही है ‘वक्त बदलाव का’! ‘अभी तक तो अपराधियों के खिलाफ केस दर्ज नहीं हो रहे थे, किसी अधिकारी ने हिम्मत दिखाई तो उसे भी चलता कर दिया। राज्य में अपराध की इतनी घटनाएँ हो रही हैं, बदमाशों के हौसले इसीलिए बुलंद हैं क्योंकि वे जानते हैं यह हमारी अपनी सरकार है। आप तो तबादले कीजिये सरकार’..|