भोपाल। मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार भारी तंगी से जूझ रही है। किसान कर्ज माफी के लिए सरकार को 32 हज़ार करोड़ की राशि का इंतजाम करमें पसीने छूट रहे है। यह रकम इतनी ज्यादा है कि सरकार को आने वाली एक साल लग जाएगी। सत्ता में आने के बाद वित्त विभाग ने अफसरों के दो कार रखने पर पाबंदी लगाई थी। लेकिन अब सरकार खुद फिजूलखर्ची को रोकने के बजाए करोड़ों रूपए के सात सीटर प्लेन खरीदने का इरादा कर रही है।
दरअसल, राज्य सरकार के एविएशन विभाग ने सात सीटर प्लेन खरीदने में रूचि जाहिर की है। इसके लिए विभिन्न फर्मों से तीन जुलाई तक प्रस्ताव मंगवाए गए हैं। जिसके बाद बिडिंग के लिए फर्म का चुनाव किया जाएगा। एक ओर मुख्यमंत्री कमलनाथ फंड की कमी होने की बात कर रहे हैं। वित्त विभाग किसान कर्ज माफी के लिए तमाम कटौती करने के बाद भी 32 हज़ार करोड़ जमा करने में विफल हो रहा है। य��ी नहीं प्रदेश में चल रहे विकासकार्यों के लिए भी राज्य सरकार बजट में फंड आवंटित नहीं कर पा रही है।
प्लेन खरीदी के पीछे यह है कारण
नए प्लेन खरीदी के पीछे तकनीकी कारण है छिंदवाड़ा, दतिया, खरगोन, गुना, मंदसौर, नीमच, रलाम, रीवा, सागर, सीधी, सिवनी, शिवपुरी, उमरिया, झाबुआ और उज्जैन में हवाई पट्टी होना। राज्य सरकार ने सात सीटर प्लेन के लिए निविदाएं मंगवाई हैं। साथ ही सुरक्षा के क्या इंतजाम हैं, इस तरह के देश के अलग अलग हिस्सों में कहा और कितने प्लेन हैं यह सब जानकारी भी फर्म को देनी होगी। इसके साथ कंपनियों को यह भी बताना होगी कि वह कितने समय में प्लेन की डिलिवरी कर सकती है।
वहीं, बीजेपी प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल का कहना है कि सरकार को विकायकार्यों में पहले ध्यान देना चाहिए। जनता का पैसा इस तरह बर्बाद नहीं करना चाहिए। प्रदेश में सरकार बिजली संकट से जूझ रही है जनता गर्मी से हलाकान है पानी बढ़ी समस्या है लेकिन सरका नए प्लेट खरीद रही है।