भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पूरा देश कोरोना से लडाई लड़ रहा है, ऐसे में मध्यप्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) ने प्रदेशवासियों सहित केंद्र सरकार (Central Government) को यह भरोसा जता रखा है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधा (Health Facility) बहुत बेहतर हैं, लेकिन सच्चाई यह है कि यहां स्वास्थय सेवाएं बहुत दयनीय हैं।
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया की राज्यों के बजट की स्वास्थ्य सुविधाओं से तुलना को लेकर रेडी की गई रिर्पोट स्टेट फाइनेंस- ए स्टडी ऑफ बजट ऑफ 2020-21 से खुलासा हुआ है कि प्रदेश में 2500 लोगों पर केवल एक डॉक्टर है। यानि 10000 हजार लोगों पर केवल 4 डॉक्टर (Doctor) और उससे भी ज्यादा हैरानी की बात है कि नर्स (Nurse) और अन्य सहयोगी स्टाफ की संख्यां 10000 हजार मरीजों पर मात्र 8 है। पूरे भारत की अगर बात करें तो यहां 1445 लोगों पर 1 डॉक्टर है, जबकि उत्तर-पूर्वी राज्यों में 500 लोगों पर एक डॉक्टर है। डब्ल्यूएचओ (WHO) के मुताबिक प्रति 1000 लोगों पर 1 डॉक्टर होना चाहिए। सबसे बेहतर स्थिति केरल (Kerala) की है, क्योंकि केरल में 125 लोगों पर एक नर्स या अन्य मेडिकल स्टाफ (Medical Staff) है।
यह हैं स्वास्थ्य सेवाएं में पिछडे राज्य
मध्यप्रदेश में 10000 हजार लोगों पर 4 डॉक्टर और 8 नर्स स्टाफ है
बिहार में 10000 हजार लोगों पर 3 डॉक्टर और 3 नर्स स्टाफ है
उत्तर प्रदेश में 10000 हजार लोगों पर 3 डॉक्टर और 12 नर्स स्टाफ है
झारखंड में 10000 हजार लोगों पर 2 डॉक्टर और 5 नर्स स्टाफ है
ओडिशा में 10000 हजार लोगों पर 5 डॉक्टर और 5 नर्स स्टाफ है
स्वास्थ्य सेवाएं में प्रति व्यक्ति खर्च है इतना
मप्र में स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रति व्यक्ति 1284 रूपए होते हैं खर्च
बिहार में स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रति व्यक्ति 781 रूपए होते हैं खर्च
उप्र में स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रति व्यक्ति 1065 रूपए होते हैं खर्च
झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रति व्यक्ति 1111 रूपए होते हैं खर्च
छत्तीगढ में स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रति व्यक्ति 1711 रूपए होते हैं खर्च
राजस्थान में स्वास्थ्य सेवाओं पर प्रति व्यक्ति 1706 रूपए होते हैं खर्च