भोपाल। सरकार द्वारा मंदसौर गोलीकांड, नर्मदा किनारे पौधरोपण को लेकर विधानसभा में दिए गए जवाब के बाद सदन के बाहर जवाब देने पर आज सदन में प्रश्नकाल के दौरान जमकर हंगामा हुआ। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि प्रदेश में संवैधानिक संकट पैदा हो गया है। मंत्री सदन के बाहर जवाब दे रहे हैं, जो संसदीय प्रणाली का उल्लंघन है। प्रदेश कांग्रेस कमेटी में जवाब तैयार हो रहे हैं। जवाब में मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि विपक्ष के साथी लंबे समय बाद विपक्ष में आए हैं। वे हमें सदन चलाने का पाठ नहीं पढ़ाएं। हंगामे के चलते 20 मिनट तक प्रश्नकाल बाधित रहा।
प्रश्नकाल शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि संवैधानिक संकट पैदा हो गया है। मंत्री सदन में जवाब दे रहे हैं और बाहर का व्यक्ति कुछ कहता है तो मंत्री सदन के बाहर सरकार के जवाब का खंडन कर रहे हैं। यह सदन के विशेषाधिकार का हनन है। इसके जवाब में संसदीय कार्यमंत्री डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि कोई सदन के विशेषाधिकार का कोई हनन नहीं हुआ है। प्रतिपक्ष ने आरोप लगाया कि मंत्री डरे सहमे हुए हैं। चार-चार मंत्री सदन के बाहर जवाब दे रहे हैं। इस बीच विधायक नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि सदन के विशेषाधिकार हनन पर मुझे बोलना है। प्रश्नकाल का खंडन ट़वीट के माध्यम से किया जा रहा है। यह संसदीय परंपरा नहीं है। इस बीच सदन के नेता मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि विपक्ष के साथी सालों बाद विपक्ष में बैठे हैं, उनकी अपनी पीडा है। अखबार की टिप्पणी के आधार पर सदन में चर्चा नहीं होती। सदन का गौरवशाली इतिहास रहा है। इसे कायम रखेंगे। इस बीच सदन में जमकर हंगामा होता रहा। स्पीकर एनपी प्रजापति ने कहा कि दोनों पक्षों को बोलने का मौका दिया गया। अब प्रश्नकाल चलने दें।