IAS का दर्द- “जिन्दगी में एक बात तो तय है कि तय कुछ भी नहीं है”

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश में आईएएस (IAS) पोस्टिंग में भ्रष्टाचार के मुद्दे को उठाकर सुर्खियों में आए युवा आईएएस लोकेश कुमार जांगिड़ का व्हाट्सएप स्टेटस उनके उग्र होते हुए तेवरों को दिखा रहा है। दरअसल एक दिन पहले ही जांगिड़ को सामान्य प्रशासन विभाग ने कारण बताओ नोटिस भेजा था।

MP News: युवा IAS अधिकारी के साथ ‘आखिर यह क्या हो रहा है’

IAS का दर्द- "जिन्दगी में एक बात तो तय है कि तय कुछ भी नहीं है"

54 महीने में 8 बार तबादलों की मार झेल चुके मध्य प्रदेश के युवा एवं ऊर्जावान आईएएस लोकेश कुमार जांगिड़ ने, लगता है अब सरकार से आर-पार की लड़ाई का मूड बना लिया है। कम से कम उनके व्हाट्सएप पर डाले गए सोशल स्टेटस तो यही बता रहे हैं। इनमें से एक पर उनके शहडोल में पोस्टेड रहते हुए किए गए एक आंदोलन का वीडियो है जिसमें आंदोलनकारी नारे लगा रहे हैं “अभी तो यह अंगड़ाई है, आगे और लड़ाई है।” एक अन्य जगह उन्होंने लिखा है “न था कुछ तो खुदा था, कुछ ना होता तो खुदा होता, डुबोया मुझको होने ने, ना होता मैं तो क्या होता, मुद्दत के गालिब मर गया, पर अब भी याद आता है वह हर एक बात पर कहना, कि यूं होता तो क्या होता।” लोकेश ने एक अन्य स्टेटस में लिखा है “मैंने सबसे ज्यादा धोखा अपनो से ही खाया है। सामने वाले को वैसा ही मान लिए जैसा दिखा। लेकिन बाद में पता चला कि यहां तो रावण से भी ज्यादा चेहरे लिए फिरते हैं।”

दरअसल बुधवार को जांगिड़ को सामान्य प्रशासन विभाग ने कारण बताओ नोटिस जारी कर उनसे 7 दिन के भीतर जवाब मांगा है कि क्यों न उनके ऊपर कार्यवाही की जाए। उनके ऊपर आरोप लगाया गया है कि उन्होंने बड़वानी के अपर कलेक्टर पद से हटाये जाने के सामान्य प्रशासन विभाग की प्रमुख सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी के मोबाइल फोन पर दिए गए ऑडियो मैसेज को सार्वजनिक कर दिया। जबकि जांगिड़ साफ कर चुके हैं कि वह ऑडियो मैसेज उन्होंने केवल अपने चार आईएएस मित्रों को भेजा था जिनका यह पूछना था कि ‘आखिर बड़वानी से इतनी जल्दी ट्रांसफर कैसे हो गया! जीएडी से क्या बात हुई!’ दो दिन पहले आईएएस एसोसिएशन के सिग्नल ग्रुप में कलेक्टर बड़वानी और उनकी पत्नी पर बड़े आरोप लगाकर ग्रुप से हटाए गए जांगिड़ ने मध्य प्रदेश से बाहर महाराष्ट्र राज्य में तीन साल की प्रतिनियुक्ति भी मांगी है। उनके आरोप इस समय पूरे मध्यप्रदेश के साथ साथ देश भर की ब्यूरोक्रेसी में हलचल मचाए हुए हैं। हालांकि प्रदेश के गृह एवं जेल मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने जांगिड़ के बयानों पर कहा है कि हर किसी की अपनी मर्यादा रेखा है और किसी भी व्यक्ति को उस पद पर रहते हुए अपनी मर्यादा का पालन करते हुए अपनी बात उचित फोरम पर करनी चाहिए।

IAS का दर्द- "जिन्दगी में एक बात तो तय है कि तय कुछ भी नहीं है"


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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