भोपाल।
मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में आज कमलनाथ कैबिनेट बुलाई गई है।बैठक में एक दर्जन से ज्यादा प्रस्तावों पर चर्चा कर मंजूरी दी जाएगी। इस बैठक में प्रदेश के मंदिरों को जमीन के पट्टे देने का प्रस्ताव रखा जाएगा और उस विचार विमर्श के बात निर्णय लिया जाएगा। प्रदेश की आबकारी नीति को मंजूरी मिल सकती है।लोकसभा चुनाव से पहले बुलाई गई ये कैबिनेटअहम मानी जा रही है।लोकसभा चुनाव की आचार संहिता लगने के पहले सरकार अपनी इस संभावित अंतिम बैठक में आय बढ़ाने के उपाय कर सकती है। शराब लाइसेंस की फीस बढ़ी तो इससे सरकार को करीब 750 करोड़ रुपए की अतिरिक्त आमदनी होगी। वही संभावना जताई जा रही है कि कांग्रेस के वचन पत्र से जुड़े कुछ ऐसे निर्णय, जिनमें सरकार के ऊपर आर्थिक भार नहीं आ रहा, लिए जा सकते हैं।इसके बाद कांग्रेस चुनाव अभियान में जुट जाएगी, इसके लिए इस बैठक को लोकसभा चुनाव से पहले अंतिम और महत्वपूर्ण बैठक माना जा रहा है।
प्रदेश के धर्मस्थ मंत्री पीसी शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री कमलनाथ द्वारा नव-गठित अध्यात्म विभाग के अंतर्गत प्रदेश के 21 हजार पुजारियों का मानदेय तीन गुना बढ़ा दिया गया है। प्रदेश के लगभग एक लाख ऐसे मंदिर हैं, जो शासकीय जमीन पर स्थित हैं, राज्य सरकार उन्हें शीघ्र की जमीन का पट्टा उपलब्ध कराएगी। इसके लिए प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है, जो मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में लाया जाएगा। मंदिरों से जुड़े पुजारियों और साधु संतों की नाराजगी से बचने और वचन पत्र में शामिल हिंदुत्व के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए सरकार का यह कदम एक और मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है|
इन प्रस्तावों को मिल सकती है मंजूरी
-किसान समृद्धि योजना सहित आधा दर्जन मुद्दों बैठक में रखे जा सकते है। इनमें उन वादों को शामिल किया जा रहा है जो सरकार ने सत्ता में आने से पहले जनता से किए थे। फिर इन्ही मुद्दों को जनता के बीच जाकर भुनाया जाएगा।
– नई आबकारी नीति को मंजूरी दी जा सकती है।खबर है कि राजस्व बढ़ाने के लिए सरकार लायसेंस फीस बढाकर 20 फीसदी तक कर सकती है । इससे प्रदेश में देसी शराब 8 फीसदी और स्कॉच व अन्य विदेशी शराब 12 फीसदी तक महंगी हो सकती हैं। इससे पहले 2018-19 में लायसेंस नवीनीकरण फीस 15 फीसदी बढ़ाई गई थी। इसके साथ ही देसी शराब के लिए अन्य राज्यों के निर्माताओं के लिए दरवाजे भी खोले जा सकते हैं।
-मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय के माध्यम से सरकार ने चुनाव आयोग को गृह, सामान्य प्रशासन और राजस्व विभाग के मैदानी अधिकारियों की पदस्थापना संबंधी प्रमाण-पत्र भी भेज दिया है। इसमें साफ किया गया है कि ऐसा कोई भी अधिकारी मैदानी पदस्थापना में नहीं है, जिसे एक स्थान पर पदस्थ रहते हुए तीन साल से ज्यादा वक्त हो चुका है।
-कैबिनेट की बैठक में नगरीय विकास विभाग के स्मार्ट सिटी से संबंधित मामले लाया जाना प्रस्तावित है।
-मंत्रिमंडल की बैठक में सुप्रीम कोर्ट में प्रदेश से नए वकीलों की नियुक्ति किए जाने पर भी विचार किया जाएगा।
-झुग्गी वासियों को पट्टे दिए जाने पर भी निर्णय लिया जा सकता है।