भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना से बचने के लिए वैक्सीनेशन को सबसे बड़ा उपाय माना जा रहा है और मई में इसके लिए हमें एक और हथियार मिल जाएगा। 1 मई को रूसी वैक्सीन वैक्सीन स्पूतनिक वी (Sputnik-V) की पहली खेप भारत पहुंचेगी। रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (RDIF) के प्रमुख किरील दिमित्रीव ने एक इंटरव्यू में इस बात की जानकारी दी।
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अब तक आई जानकारी के मुताबिक स्पूतनिक वी को कोविशील्ड और कोवैक्सीन के मुकाबले अधिक कारगर माना जा रहा है। रूस के गमालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट का दावा है कि स्पूतनिक वी 91.6 फीसदी प्रभावी है। वहीं कोविशील्ड को 80 और कोवैक्सीन को 81 फीसदी कारगर बताया गया है। भारत में स्पूतनिक वी का आयार डॉक्टर रेड्डी लैब के माध्यम से किया जाएगा। हालांकि अभी ये साफ नहीं है कि पहली खेप में वैक्सीन की कितनी डोज आएंगी लेकिन कहा जा रहा है कि शुरूआत में भारत को 5 करोड़ वैक्सीन हर महीने मिलेंगी। खबरों के मुताबिक इसकी कीमत 750 रूपये होगी। रशियन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड ने 5 भारतीय निर्माता कंपनियों के साथ साल में 85 करोड़ से अधिक वैक्सीन डोज तैयार करने का समझौता किया है। देश में अभी कोविशील्ड और कोवैक्सीन के 70 मिलियन शाट्स का निर्माण प्रतिमाह हो रहा है। 1 मई से ही देश में 18 साल से अधिक आयुवर्ग के लोगों का वैक्सीनेशन भी शुरू होने जा रहा है। ऐसे में स्पूतनिक वी वैक्सीन आने से कोविशील्ड और कोवैक्सीन पर निर्भरता कम होगी और वैक्सीनेशन कार्यक्रम को सुचारू चलाने में मदद मिलेगी।