इंदौर, आकाश धोलपुरे। कोरोनकाल में जो पुलिस प्रशासन तकदीर और तस्वीर बदलने के लिए मैदान में उतरी थी उसकी हकीकत आज सामने आ गई है। दरअसल, बेअदब निगम प्रशासन और पुलिस ने बता दिया है कि इंदौर में सबकुछ ठीक नही चल रहा है और इसी का परिणाम है कि इंदौर से ऐसी तस्वीरें सामने आ रही है जो ये बताने के लिए काफी है कि इंदौर एक ऐसे वायरस की चपेट में आ चुका है जो कोरोना वायरस से कम खतरनाक नहीं है।
दरअसल, इंदौर नगर निगम को अचानक कोरोना काल के पूरी तरह खत्म होने से पहले ही अतिक्रमण हटाने की मुहिम शुरू करने का खयाल आ गया। दो वक्त की रोटी की तलाश में परेशान लोगों पर कार्रवाई की जाने लगी। ये मामला इंदौर के राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र का है जहां शनिवार को पुलिस और प्रशासन की गुंडागर्दी सामने आ गई। गरीब और कमजोर लोगों पर पुलिस की दबंगई देखी गई और अतिक्रमण हटाने गए CSP जयंत राठौड़ ने एक दुकानदार को थप्पड़ मार दिया, वहीं एसडीएम ने तो लात मारकर हद पार कर दी।
पूरी घटना इंदौर के तेजपुर गड़बड़ी मार्ग से अवैध निर्माण हटाने के दौरान की है जहां निगम की कार्रवाई का विरोध कर रहे प्रभावित लोगों पर पुलिस ने सख्ती दिखाई और मानवता को शर्मसार कर दिया। सीएसपी जयंत राठौर ने तो शनिवार को दबंगई दिखाते हुए दो व्यक्तियों को थप्पड़ जड़ दिए। अवैध निर्माण हटाने के दौरान हुए हंगामें की जो तस्वीरें सामने आई है वो सरकार के लिये शर्मनाक है। जो अपर आयुक्त देवेंद्र सिंह रिटायरमेंट के बाद भी निगम की छाती पर मूंग दल रहे हैं, वो भी इस मामले को लेकर केवल कायदे और कानून बताते रहे। वहीं कांग्रेस अब इस मामले में खुलकर सामने आ गई है और इस मामले में उच्च स्तरीय जांच की मांग कर दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
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श्रुति कुशवाहा
2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।