MP छात्रों के लिए जरूरी खबर, शासकीय कॉलेजों के कुलपतियों को मिले निर्देश, अब वेबसाइट पर मिलेगी ये डिटेल्स

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। MP Government College: मध्य प्रदेश के कॉलेज छात्रों के लिए अच्छी खबर है।  आगामी शिक्षण सत्र 2022-23 की परीक्षा और परिणामों की तिथियाँ अब आसानी से वेबसाइट पर मिलेगी।वही शासन द्वारा तय किए गए, शैक्षणिक कैलेंडर के अनुपालन में सत्र 2021-22 की परीक्षाओं और परिणामों की तिथि का कोर्सवार प्रकाशन भी विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर किया जाएगा।अब हर महीने शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों की बैठक राजभवन में होगी।

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दरअसल, राज्यपाल के प्रमुख सचिव डीपी आहूजा ने आज राजभवन में कुलसचिवों की बैठक में कई बड़े निर्देश दिए।उन्होने कहा कि राजभवन में अब शासकीय विश्वविद्यालयों के कुलसचिवों की मासिक बैठक होगी। परीक्षा एवं मूल्यांकन कार्य के समय-सीमा में संचालन पर विशेष बल दिया। कार्य में उदासीनता बरतने वालों के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई की जाए।  बैठक में दीक्षांत समारोह, परीक्षा परिणाम, अकादमिक कैलेंडर के पालन, न्यायालयीन प्रकरणों की समीक्षा की गई। विश्वविद्यालय के निर्माणाधीन कार्यों, ऑडिट और शासन स्तर पर लंबित प्रकरणों, वरिष्ठता सूची के प्रकाशन की स्थिति और रिक्त पदों की पूर्ति के संबंध में जानकारी ली गई।

वही रूसा अंतर्गत प्रारंभ, प्रचलित और पूर्ण कार्यों, गोद लिए गए गाँवों में सिकल सेल की स्थिति, रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों, कौशल उन्नयन एवं प्लेसमेंट संबंधी कार्यों पर चर्चा की गई।राज्यपाल के प्रमुख सचिव  डीपी आहूजा ने  उन्होंने कहा कि शासन द्वारा तय किए गए, शैक्षणिक कैलेंडर के अनुपालन में सत्र 2021-22 की परीक्षाओं और परिणामों की तिथि का कोर्सवार प्रकाशन विश्वविद्यालय की वेबसाइट में किया जाना चाहिए। इसी तरह पाठ्यक्रमवार आगामी शिक्षण सत्र 2022-23 की परीक्षा और परिणामों की तिथियाँ भी वेबसाइट पर अनिवार्य रूप से प्रदर्शित की जाए।

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राज्यपाल के प्रमुख सचिव  डीपी आहूजा ने कुलसचिवों को निर्देशित किया कि न्यायालय में प्रचलित और लंबित समस्त प्रकरणों की समीक्षा की जाए। यह चिन्हित किया जाए कि किस प्रकरण का विश्वविद्यालय अथवा कुलाधिपति स्तर पर निराकरण हो सकता है। इस संबंध में स्पष्ट प्रतिवेदन राजभवन सचिवालय में प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने ऑडिट आपत्तियों की अद्यतन स्थिति में समीक्षा कर, उनके निराकरण की कार्रवाई समय-सीमा में करने के निर्देश दिए। विश्वविद्यालय के संरचनात्मक संगठन के अनुसार रिक्त पदों की पूर्ति की कार्रवाई समय-सीमा तय कर करने के लिए कहा गया।

बैठक में राज्यपाल के उपसचिव डी.के. जैन, विधि अधिकारी  डी.पी.एस. गौर, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा, बरकतउल्ला विश्वविद्यालय भोपाल, राजा शंकर शाह विश्वविद्यालय छिंदवाड़ा, देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर, जीवाजी विश्वविद्यालय ग्वालियर, महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय छतरपुर, रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय जबलपुर, विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन, महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय उज्जैन, मध्यप्रदेश भोज (मुक्त) विश्वविद्यालय भोपाल, अटल बिहारी वाजपेयी हिंदी विश्वविद्यालय भोपाल, महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय चित्रकूट, राजा मानसिंह तोमर संगीत एवं कला विश्वविद्यालय ग्वालियर, राजीव गांधी प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय भोपाल, मध्यप्रदेश आयुर्विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर, जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय जबलपुर, राजमाता विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय ग्वालियर, नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय जबलपुर, सांची भारतीय ज्ञान अध्ययन विश्वविद्यालय सांची, डॉ.बी.आर. अंबेडकर सामाजिक विज्ञान विश्वविद्यालय महू और पं. एस.एन. शुक्ला विश्वविद्यालय शहडोल के कुलसचिव मौजूद थे।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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