नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर के मुद्दे पर देश भर की सियासत उबाल पर है| भारी हंगामे के बीच गृह मंत्री अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का प्रस्ताव पेश किया है| इसके साथ ही उन्होंने राज्य का पुनर्गठन का प्रस्ताव रखा है| इस दौरान विपक्ष ने भारी हंगामा किया| हंगामे के बाद राज्यसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ी| कुछ ही देर बाद दोबारा कार्यवाही शुरू हुई, लेकिन राज्यसभा में भारी हंगामा जारी रहा| अमित शाह ने राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाने का संकल्प पेश कर दिया है, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है, जिसकी अधिसूचना जारी हो गई है| इसी के साथ में जम्मू-कश्मीर अब केंद्र शासित प्रदेश बन गया है| साथ ही साथ लद्दाख को जम्मू-कश्मीर से अलग किया गया है| लद्दाख को बिना विधानसभा केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है|
अमित शाह की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि लद्दाख के लोगों की लंबे समय से मांग रही है कि लद्दाख को केंद्र शासित राज्य का दर्ज दिया जाए, ताकि यहां रहने वाले लोग अपने लक्ष्यों को हासिल कर सकें| रिपोर्ट के मुताबिक जम्मू-कश्मीर को अलग से केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा दिया गया है, जम्मू-कश्मीर राज्य में विधानसभा होगी| प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 7 अगस्त को देश को संबोधित कर सकते हैं| इसके अलावा वह सर्वदलीय बैठक भी बुलाई जा सकती है. जिसमें प्रधानमंत्री इस फैसले के बारे में जानकारी देंगे| लद्दाख अब बिना विधानसभा वाला एक अलग केंद्र शासित प्रदेश बना दिया गया है। संविधान (जम्मू कश्मीर में लागू) आदेश 2019 को राष्ट्रपति ने लागू कर दिया। इस घोषणा के होते ही राज्यसभा में पीडीपी सांसद ने अपने कपड़े फाड़ लिए। विपक्षी दल के सांसद राज्यसभा में जमीन पर बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। मोदी सरकार के इस फैसले को विपक्ष ने तानाशाही फैसला बताया है|
राज्यसभा में अमित शाह के बयान से पहले कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने कश्मीर की स्थिति का मसला उठाया| उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को हाउस अरेस्ट किया गया है| ऐसे में गृह मंत्री को घाटी की स्थिति पर बयान देना चाहिए| इस पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि वह हर सवाल का जवाब देने के लिए तैयार हैं| लेकिन उन्हें उनकी बात कहने दी जाए|