जीतू पटवारी का सीएम मोहन यादव पर आरोप ‘ मध्यप्रदेश की दुकान में गुजरात का सामान भरने की कोशिश’

उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में नफरत की दुकान पर ग्राहक बिल्कुल नहीं आते हैं। पता नहीं मुख्यमंत्री इस दुकान में गुजरात का सामान क्यों भरना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि यहां प्रेम, विश्वास, भाईचारे का माहौल है जिसे बीजेपी ख़राब करने की कोशिश कर रही है।

Jitu Patwari

Jitu Patwari allegations on CM Mohan Yadav : प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सीएम मोहन यादव पर निशाना साधते हुए कहा है कि उनकी आवाज़ और अंदाज़ बदले हुए नज़र आ रहे हैं। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में नफ़रत की दुकान बिलकुल नहीं चलती है और वो इस दुकान में गुजरात का सामान भरने की कोशिश न करें।

सीएम मोहन यादव पर लगाया झूठ बोलने का आरोप

जीतू पटवारी ने एक्स पर लिखा है कि ‘आका की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए आपने भी रंग बदल लिया! मुझे तो लगा था कि पहले दौर के मतदान से केवल मोदीजी ही डरे हुए हैं! आपकी आवाज और अंदाज में जो बदलाव दिखाई दे रहा है, वह भी उसी डर को जता-बता रहा है! पहले संदेह था अब पुख्ता यकीन हो गया है कि प्रधानमंत्री जी की तरह आपका सॉफ्टवेयर भी 2014 के बाद से अपडेट नहीं हुआ है! तभी तो चुनाव आते ही हिंदू-मुस्लिम और झंडे के कलर आपको भी याद आने लग गए! फरमान मिलते ही कुछ भी बोलने लग गए! प्रधानमंत्री के जिस झूठ पर पूरा देश आश्चर्य व्यक्त कर रहा है! दुनिया के मीडिया के साथ देश का ‘गोदी मीडिया’ भी प्रमाणिक तौर पर खंडन कर रहा है, उसे बेबुनियाद झूठ को यदि 36 घंटे बाद भी आप दोहरा रहे हैं, तो यह फिर आपकी समझ पर उठने वाला सवाल है!’

कहा ‘एमपी में नफ़रत मत फैलाइये’

उन्होंने कहा कि ‘मोहन भैया, अपने मध्यप्रदेश में नफरत की दुकान पर ग्राहक बिल्कुल नहीं आते हैं! पता नहीं आप इस दुकान में गुजरात का सामान क्यों भरना चाहते हैं! यहां प्रेम, विश्वास, भाईचारे का माहौल है! यह चुनाव भी थोड़े दिन में खत्म हो जाएंगे! फिर जुबान में ऐसा जहर क्यों? यदि आपको हैडलाइंस के लिए भाषण ही देना है, या “पर्ची की खर्ची” के रूप में भक्ति-गान को स्वर देना है, तो ‘गुजरात घराने’ के पास ढेर सारे झूठे सपने हैं! थोड़े से आंकड़े, थोड़े से जुमले और साथ में नौटंकी का तड़का – सच में थोड़ी ताली तो मिल ही जाएगी! लेकिन, भगवान के लिए मध्यप्रदेश को ‘घृणा का घर’ मत बनाइए! जो ‘बुद्धिजीवी’ भाषण की पर्ची आपको दे रहे हैं, उन्हें भी थोड़ा समझाइए! या बोलने से पहले पढ़ने की आदत डालिए! पद की गंभीरता समझिए, ओहदे के अनुसार अब आचरण भी कीजिए! कोशिश तो कीजिए! बाबा महाकाल मदद करेंगे!’


About Author
श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

Other Latest News