GMC Suicide : जूनियर डॉक्टरों ने लिखा पत्र, शारीरिक-मानसिक प्रताड़ना के आरोप, परिजनों ने किया पोस्टमार्टम से इंकार

GMC Junior doctor suicide case : भोपाल में गांधी मेडिकल कॉलेज से गायनी में पीजी कर रही जूनिया डॉक्टर सरस्वती के सुसाइड मामले में नया मोड़ आया है। उनके परिजनों ने भोपाल पहुंचने के बाद पोस्टमार्टम कराने से इनकार कर दिया है। साथ ही ये मांग की है कि बेटी की आत्महत्या के कारणों का खुलासा हो। वहीं जीएमसी में गायनी डिपार्टमेंट में काम करने वाले जूनियर डॉक्टरों का एक पत्र भी सामने आया है, जिसमें उन्होने लिखा है कि वहां सभी रेजिडेंट्स कई वर्षों से शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ना का शिकार हो रहे हैं।

27 साल की डॉक्टर सरस्वती की खुदकुशी के बाद से गांधी मेडिकल कॉलेज को लेकर तरह के सवाल उठ रहे हैं और उन्हें इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है। सरस्वती की बहन ने आरोप लगाया है कि वो लंबे समय से अपने विभाग के एचओडी और कुछ सीनियर्स के बारे में बताती रही थी जो लगातार उन्हें और दूसरे लोगों को भी परेशान कर रहे हैं। मृतका के परिजनों ने पीएम कराने से भी इनकार कर दिया है। इसी के साथ उन्होने गांधी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन पर कई तरह के सवाल उठाए हैं और पुलिस से सुसाइड के कारणों का पता करने की मांग की है। वहीं इस मामले में गायनी विभाग के जूनियर रेसिडेंट डॉक्टरों का एक पत्र सामने आया है जिसमें उन्होने मानसिक और शारीरिक अत्याचार की बात कही है।

इस पत्र में लिखा उन्होने लिखा है कि “इस दुखद घटना के बाद हम सभी रेजिडेंट्स ये बात सामने लाना चाहते हैं कि हम सब कई वर्षों से शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं। लेकिन हमारा मुंह बंद कर दिया गया है। हमसे कहा जाता है ‘चुप रहो नहीं तो पास नहीं करेंगे, डिग्री मिलती नहीं दी जाती है।’ हम-नींद, भोजन और पानी के बिना लगातार 36 घंटे से अधिक समय तक काम करते हैं। गलती की कोई गुंजाइश नहीं है। हमारे साथ गधों जैसा व्यवहार किया जाता है और “कामचोर” कहा जाता है। और अगर कोई बीमार पड़ जाए तो हम छुट्टी भी नहीं ले सकते। कल जब हम अपने सहकर्मी के निधन पर शोक मना रहे थे, तब एक संकाय सदस्य ने हमें नही बोलने के लिए धमकी दी। हम चाहते हैं कि यह सामने आए लेकिन हमारे पास साहस की कमी है। हम अभी भी सामने नहीं आ सकते वरना हमें व्यक्तिगत रूप से निशाना बनाया जाएगा। हम काम से कभी नहीं डरते हैं। यह सिर्फ माहौल के बारे में है, जिसे बदलने की सख्त जरूरत है।” ये पत्र सामने आने के बाद मामला गंभीर हो गया है और डॉक्टर सरस्वती के परिजन भी इस तरह के आरोप लगा रहे हैं।

 

GMC Suicide : जूनियर डॉक्टरों ने लिखा पत्र, शारीरिक-मानसिक प्रताड़ना के आरोप, परिजनों ने किया पोस्टमार्टम से इंकार


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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