ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर सभी प्रत्याशियों को बधाई दी है और विकास को लेकर जनता के लिए हमेशा तत्पर रहना का भरोसा जताया है। सिंधिया ने ट्वीट कर लिखा है कि मप्र विधानसभा उपचुनावों (MP Assembly By-elections) में विजयी हुए भारतीय जनता पार्टी के सभी प्रत्याशियों को हार्दिक शुभकामनाएं। वहीं सभी देवतुल्य मतदाताओं का हृदय से आभार। मुझे पूर्ण विश्वास है कि आप सभी विजयी उम्मीदवार जनसेवा और अपने विधानसभा क्षेत्र के समुचित विकास के लिए सदैव तत्पर रहेंगे।
वही उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा है कि सुवासरा विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी श्री हरदीप डंग (Hardeep Dung) जी को भारी बहुमत से विजयी होने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं| सुवासरा विधानसभा (Suwasra Assembly Constituency) के समस्त मतदाताओं (Voter) का सहृदय आभार।
इस जीत ने कई सवालों के जवाब भी साफ कर दिए है।पहला जनता ने सिंधिया के दल बदलने के फैसले को स्वीकार किया। दूसरा जनता ने शिवराज सिंह चौहान को मुख्यमंत्री के रुप में स्वीकार और कमलनाथ को नकारा दिया है।इसके अलावा भाजपा में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) का राजनीतिक भविष्य बढ़ेगा या घटेगा इसका फैसला भी चुनाव पर टिका हुआ था, जो अब साफ होता दिखाई दे रहा है। ज्यादा सीटों की बढत से सिंधिया का केन्द्र में भी कद बढ़ेगा।सुत्रों की माने तो सिंधिया को अब मोदी कैबिनेट (Modi Cabinet) में केन्द्रीय मंत्री का पद मिल सकता है।
जनता का आभार, कार्यकर्ता जीत के असली हकदार-वीडी शर्मा
वही BJP प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा (Vishnu Dutt Sharma) ने जहां इस जीत को जनादेश का समर्थन होने के साथ-साथ कमल नाथ और दिग्विजय सिंह को करारा जवाब बताया है। यह जनादेश जनता का भाजपा को समर्थन होने के साथ-साथ कमल नाथ और दिग्विजय सिंह को करारा जवाब है।शर्मा (VD Sharma) ने कहा कि मुख्यमंत्री पद पर तो कमल नाथ थे, लेकिन पर्दे के पीछे से सरकार दिग्विजय सिंह चला रहे थे।दोनों को जनता ने नकार दिया। शर्मा ने जीत का श्रेय पार्टी के बूथ कार्यकर्ताओं को दिया। उन्होंने कहा कि इस जीत की बधाई के असली हकदार यह कार्यकर्ता हैं जिनसे हम सामान्य तौर पर मिल नहीं पाते हैं लेकिन वह हर दिन पार्टी के पक्ष में काम करते रहते हैं।
ऐसा है संख्या गणित
भाजपा के पास वर्तमान में 107 विधायक हैं और सदन में साधारण बहुमत प्राप्त करने के लिए आठ और सीटें जीतने की आवश्यकता है। दूसरी तरफ कांग्रेस को सरकार बनाने के लिए 28 विधायकों की जरूरत है। इस साल मार्च के बाद से 26 विधायकों के इस्तीफे के बाद कांग्रेस का आंकड़ा 87 हो गया है। अन्य की बात करें तो दो बीएसपी, एक एसपी और चार स्वतंत्र विधायक हैं। भाजपा नेताओं ने दावा किया कि चार निर्दलीय, दो बसपा और एक सपा विधायक सहित सात विधायक सरकार का समर्थन कर रहे हैं।