बारिश की शुरुआत के साथ ही प्रदेश की खस्ताहाल सड़कें फिर सुर्खियों में हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सड़कों की बदहाली को लेकर राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सड़कों की दुर्दशा के लिए निर्माण में गुणवत्ता से समझौता, अव्यवस्थित प्रबंधन और भ्रष्टाचार को जिम्मेदार ठहराया। इसी के साथ उन्होंने सरकार से भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी को अमल में लाने की मांग की है।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर मीडिया रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए लिखा है कि सरकार को हर मुद्दे को दबाने और छिपाने की प्रवृत्ति से बाहर निकलना होगा और गलतियों को स्वीकार कर सुधार की दिशा में कदम बढ़ाना होगा। उन्होंने कहा कि ‘भ्रष्टाचार पर शून्य सहनशीलता को भाषणों तक सीमित न रखें।’

कमलनाथ ने सरकार को घेरा
कमलनाथ ने प्रदेश सरकार को बदहाल सड़कों के मुद्दे पर घेरा है। उन्होनें कहा कि जब भोपाल और इंदौर जैसे प्रमुख शहरों में सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई हैं तो बाकी शहरों और ग्रामीण इलाको की सड़कों की स्थिति का अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने इस समस्या को प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि निर्माण में लापरवाही और निरंकुश भ्रष्टाचार का परिणाम बताया है।
भ्रष्टाचार पर लगाम कसने की मांग
पूर्व सीएम ने सड़कों की खराब स्थिति के कारण होने वाले ट्रैफिक जाम और उससे जुड़ी दुर्घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि ट्रैफिक जाम में मौतों की खबरों ने न सिर्फ मध्यप्रदेश बल्कि पूरे देश में राज्य की छवि को धूमिल किया है। उन्होंने सरकार से इस मुद्दे को दबाने या छिपाने की बजाय गलतियों को स्वीकार करने और सुधार की दिशा में ठोस कदम उठाने की मांग की। कमलनाथ ने लिखा है कि ‘भ्रष्टाचार पर शून्य सहनशीलता को भाषणों तक सीमित न रखें और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने के लिये ठोस कदम उठाएं’। इस तरह उन्होंने भ्रष्टाचार के मुद्दे पर फिर बीजेपी सरकार को निशाने पर लिया है।
मध्यप्रदेश में बारिश की शुरुआत होते ही सड़कों की असलियत सामने आने लगी है। राजधानी भोपाल और इंदौर में ही जब सड़कें गड्ढों में तब्दील हो गई हैं तो प्रदेश के बाकी शहरों और ख़ासतौर पर ग्रामीण इलाक़ों की सड़कों का अनुमान लगाया जा सकता है।
सड़कों की बदहाली कोई प्राकृतिक आपदा या दैवीय… pic.twitter.com/eDMZg5FtD0
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) July 2, 2025