भोपाल।
नए साल में मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार हर वर्ग से किए गए वादों को पूरा करने में जुट गई है।इसी के तहत शासकीय सेवक की नौकरी के दौरान मृत्यु होने पर परिजनों की अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही है।इसके लिए जल्द कैबिनेट में प्रस्ताव लाया जाएगा। सरकार ने फैसला किया है कि वह 2014 के नियमों में बदलाव करेगी। इस बात के संकेत खुद जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा ने दिए है। वर्तमान में इस तरह के प्रदेश में सात-आठ हजार मामले हैं। सरकार के इस फैसले के बाद शासकीय सेवकों में खुशी का माहौल है।
दरअसल, 2014 में पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सामान्य प्रशासन विभाग को इस विषय में निर्देश दिए थे, लेकिन फाइल आगे ही नहीं बढ़ पाई।इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया। लेकिन 2018 के विधानसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में वादा किया था कि अगर वह सत्ता में आती है तो अनुकंपा नियुक्ति के नियमों के सरलीकरण करेगी। अब एक साल बीतने के बाद कमलनाथ सरकार अपने वादे को पूरा करने जा रही है।
सरकार शासकीय सेवक की नौकरी के दौरान मृत्यु होने पर परिजनों की अनुकंपा नियुक्ति के नियमों में बड़ा बदलाव करने जा रही है। इसके लिए 2014 के नियमों को सरल बनाया जाएगा। इसमें आवेदन करने के सात साल बाद भी अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता रखी जाएगी। अभी सात साल के भीतर यदि नियुक्ति नहीं मिलती है तो आवेदन स्वत: अमान्य हो जाता है।लेकिन अब ऐसा नही होगा, आवेदन के सात साल बाद अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी। इसके मद्देनजर विभाग ने खाका तैयार किया। विभाग के उच्चाधिकारियों का कहना है कि विभागीय मंत्री डॉ. गोविंद सिंह की पहल पर नियम को व्यावहारिक बनाने की कार्रवाई की जा रही है।प्रस्ताव को विभागीय मंत्री की अनुमति मिलने के बाद कैबिनेट में नीतिगत निर्णय के लिए रखा जाएगा।
कांग्रेस सरकार अपना एक वचन और पूरा करा करने जा रही है। अब आवेदन के सात साल बाद अनुकंपा नियुक्ति मिल सकेगी।सरकार नियमों में बदलाव करने जा रही है।
पीसी शर्मा, जनसंपर्क मंत्री, मप्र