कमलनाथ ने ओबीसी आरक्षण मामले में राज्य की बीजेपी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी ने साफ कर दिया है कि सरकार इस मुद्दे को लेकर गंभीर नहीं है और सिर्फ राजनीति साधने के लिए ओबीसी समाज का नाम लेती है। उन्होंने कहा कि ‘मैं शुरू से कह रहा हूँ कि यह सरकार ओबीसी आरक्षण के मामले में सिर्फ नाटक-नौटंकी कर रही है। अब सुप्रीम कोर्ट ने भी साफ कह दिया कि सरकार के वकील बिना तैयारी के अदालत में पहुँचे थे।’
बता दें कि मध्यप्रदेश में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट में बुधवार से प्रस्तावित रोज़ होने वाली सुनवाई स्थगित हो गई है। कोर्ट ने इस मामले को 8 अक्टूबर तक के लिए टाल दिया और राज्य सरकार को कड़ी फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने तीखी टिप्पणी करते हुए कहा, “हम सुनवाई के लिए तैयार हैं, लेकिन आप तैयार नहीं हैं।” इसके बाद अब कमलनाथ ने बीजेपी सरकार पर ओबीसी समाज के साथ धोखा करने का आरोप लगाया है।
कमलनाथ ने ओबीसी आरक्षण पर सरकार को घेरा
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा है कि बीजेपी सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उनके लिए सिर्फ राजनीति करने का साधन है, न कि ओबीसी समाज के अधिकारों की सच्ची लड़ाई। उन्होंने कहा कि अदालत की नाराज़गी इस बात का प्रमाण है कि सरकार ने न तो रिपोर्टें ठीक से पेश कीं, न ही अपने वकीलों को गंभीरता से तैयार कराया।
बीजेपी पर लगाए आरोप
कांग्रेस नेता ने सवाल किया कि जब सुप्रीम कोर्ट तक यह मान रहा है कि बीजेपी सरकार गंभीर नहीं है, तो ओबीसी समाज और मध्यप्रदेश की जनता कब तक उनके इस दिखावे और धोखे को बर्दाश्त करेगी। बीजेपी को घेरते हुए उन्होंने कहा है कि यह लड़ाई सिर्फ आरक्षण की नहीं, बल्कि सम्मान और अधिकार की है और बीजेपी सरकार ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि उनके लिए ओबीसी सिर्फ राजनीतिक मोहरा हैं, वोट बैंक हैं..उनकी तकदीर और उनके हक की उन्हें कोई परवाह नहीं।
मध्यप्रदेश की बीजेपी सरकार ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि ओबीसी आरक्षण का मुद्दा उनके लिए केवल राजनीति करने का साधन है, न कि ओबीसी समाज के अधिकारों की सच्ची लड़ाई। मैं शुरू से कह रहा हूँ कि यह सरकार ओबीसी आरक्षण के मामले में सिर्फ नाटक-नौटंकी कर रही है। अब सुप्रीम कोर्ट ने… pic.twitter.com/hyU0mo3DFB
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) September 25, 2025





