पहली बार जीते विधायक नहीं बनेंगे ‘मंत्री’, कमलनाथ कैबिनेट में रहेगा सिंधिया खेमे का दबदबा

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भोपाल। कमलनाथ मंत्रिमंडल में किस विधायक का मंत्री बनने का सपना पूरा होगा यह अभी तक तय नहीं हुआ है| दिल्ली दरबार में तीन दिल से चल रही बैठक के बाद भी पूरा खाका तैयार नहीं हुआ है| 25 दिसम्बर को शपथ ग्राहण कार्यक्रम तय है और इसको लेकर तैयारियां भी अंतिम दौर में है| लेकिन कौन कौन मंत्री शपथ लेंगे, इसकी जानकारी सामने नहीं आई है| हालाँकि यह तय है कि पहली बार जीते विधायकों को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाएगा| इसके संकेत सीएम कमलनाथ भी दे चुके हैं| लेकिन वरिष्ठ नेताओं को लेकर पेंच फंसा हुआ है| रविवार को दिल्ली में नाथ की एके एंटोनी से मुलाकात हुई और सोमवार को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मंत्रिमंडल के संभावित सदस्यों की सूची के साथ भेंट होने की संभावना है। न���म तय होने के बाद कमलनाथ भोपाल लौटेंगे और मंत्रिमंडल को शपथ दिलाएंगे| 

कमलनाथ मंत्रिमंडल में सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया समर्थकों की संख्या अधिक होगी| तीन दिन चली बैठकों में एकमत नहीं होने के चलते नाम तय नहीं हो पाए हैं| डेढ़ दर्जन से अधिक मंत्री शपथ लेंगे| इसमें एक तिहाई सिंधिया समर्थक हो सकते हैं| दिग्गज नेताओं के समर्थकों को एडजस्ट करने के चलते मंत्रिमंडल पर फैसले में देर हो रही है| साथ ही विधानसभा अध्यक्ष और प्रदेश अध्यक्ष को लेकर भी चर्चा चल रही है| सभी बड़े नेताओं को कोई न कोई बड़ा पद देना होगा, जिसके चलते नाराजगी न पनपे| सभी को साधने की कोशिश में गहन विचार किया जा रहा है| सूत्रों के मुताबिक सभी दिग्गज नेताओं के समर्थकों को लिए जाने के संतुलन वाले फार्मूले पर रविवार को भी कवायद चलती रही, फ़ोन पर भी नाथ की तमाम दिग्गज नेताओं के साथ चर्चा हुई। फिर उनकी शाम को एआईसीसी के पर्यवेक्षक बनकर विधायक दल की बैठक लेने वाले एके एंटोनी से मुलाकात हुई। इसके बाद शाम को नाथ ने दोबारा नेताओं से टेलीफोन पर चर्चा की। सोमवार को मंत्रियों की सूची फाइनल करके टेलीफोन पर सभी को सूचना दे दी जाएगी। कमलनाथ को नामों के चयन के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी है। उन्होंने मंत्रियों के नाम तय करने में क्षेत्रीय-जातीय समीकरण के साथ ही पार्टी के क्षत्रपों की पसंद का भी ध्यान रखा जा रहा  है। कमलनाथ ने साफ कर दिया है कि मंत्रिमंडल का गठन वरिष्ठता के आधार पर होगा। पहली बार जीते हुए विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जाएगा।

सांसद सिंधिया के खेमे से ज्यादा विधायकों को मंत्री बनाये जाने पर सहमति बनाई जा रही है| उनके समर्थक मंत्रियों की संख्या कुल मंत्रियों का एक तिहाई होगा। साथ ही कुछ विभागों को लेकर भी नेताओं के समर्थकों के बीच बंटवारा होना है| इसके अलावा निर्दलीय विधायकों में से प्रदीप जायसवाल और ठा. सुरेंद्र सिंह शेरा भैया का मंत्री बनना लगभग तय है|  वहीं, मंत्री बनाए जाने वाले कमलनाथ समर्थकों में बाला बच्चन, हुकुम सिंह कराड़ा, लखन घनघोरिया, तरुण भनोत, दीपक सक्सेना, सिंधिया समर्थकों में प्रद्मुम्नसिंह तोमर, इमरती देवी, गोविंद सिंह राजपूत, डॉ. प्रभुराम चौधरी, तुलसीराम सिलावट, राजवर्द्धन सिंह, लाखन सिंह यादव तो दिग्विजय सिंह समर्थकों में बृजेंद्र सिंह राठौर, घनश्याम सिंह, हिना कांवरे, प्रियव्रत सिंह व सुरेंद्र सिंह बघेल के नाम नेताओं ने मंथन में लिए हैं। यही नहीं जीतू पटवारी, उमंग सिंघार, ओमकार सिंह मरकाम, कमलेश्वर पटेल, सचिन यादव, हरदीप सिंह डंग, झूमा सोलंकी, पीसी शर्मा व हिना कांवरे के नाम भी चर्चा में आए हैं।


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