पंचायत प्रतिनिधियों को मिला तोहफा, सरकार ने किया बड़ा ऐलान

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भोपाल। सत्ता में आते ही प्रदेश की कमलनाथ सरकार एक के बाद एक बड़े मास्टरस्ट्रोक लगा रही है । अब लोकसभा चुनाव से पहले सरकार ने फिर बडा दांव खेला है। सरकार ने  पंचायत प्रतिनिधियों को बड़ा तोहफा दिया है। सरकार ने पंचायत प्रतिनिधिनयों की विवेकाधीन निधि को बढ़ाने का फैसला किया है। यह ऐलान पंचायत प्रतिनिधि सम्मेलन में मंत्री कमलेश्वर पटेल ने किया। इसके अंतर्गत जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य लाभांवित होंगें। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह बहुत अहम फैसला माना जा रहा है, जिसका आने वाले समय में फायदा मिलना तय है। पंचायत प्रतिनिधियों की लम्बे समय से यह मांग सरकार से थी| 

दरअसल, आज मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के भेल दशहरा मैदान में पंचायत प्रतिनिधियों का प्रशिक्षण सम्मेलन आयोजित किया गया । जिसमें सीएम कमलनाथ और मंत्री कमलेश्नर पटेल शामिल हुए है।पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री कमलेश्वर पटेल ने कार्यक्रम के शुरु होते ही ऐलान किया कि आज से जिला पंचायत अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्यों की विवेकाधीन निधा बढ़ाए जाएगी।ऐलान के मुताबकि गांवों के विकास में काम करने के लिए सरकार द्वारा विवेकाधीन को बढ़ा दिया गया है।उन्होंने कहा कि पंचायत सचिवों को भी  वित्तीय अधिकार दिए जाएंगे। जिलाध्यक्ष को पहले 25  लाख रुपये दिए जाते थे लेकिन अब विवेकाधीन निधि के बढ़ाने पर 50 लाख रुपए, उपाध्यक्ष की निधि बढाने पर 15  से 25  लाख और सदस्यों की निधि 10  से 15  लाख दी जाएगी।लोकसभा चुनाव से पहले पंचायतों को साधने का कमलनाथ सरकार ने बढ़ा दांव चला है। सरकार का फैसला अहम माना जा रहा है, इससे आने वाले चुनाव में कांग्रेस को फायदा मिलना तय है। वही इस कार्यक्रम में जिला पंचायत संघ के अध्यक्ष मनमोहन नागर  समेत 10 – 12 जिला पंचायत अध्यक्ष और 40- 50  जनपद अध्यक्ष के कांग्रेस में शामिल होने की खबर है।हालांकि अभी तक इसकी कोई अधिकारिक पुष्टी नही की गई है।इस दौरान पंच परमेश्वर योजना का भी नाम बदला गया।अब से इस योजना का नाम महात्मा गांधी ग्राम स्वराज योजना होगा।   

हर वचन पूरा करेंगें, पंचायत प्रतिनिधियों को अधिकार मिलेंगें-सीएम

इस मौके पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पंचायत प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रदेश की अर्थव्यवस्था ग्रामीण पर निर्भर है।गांव से विकास की शुरुआत शुरुआत राजीव गांधी युग मे हुई थी ।यह  महात्मा गांधी जी का स्वप्न था, राजीव गांधी ने संविधान में संसोधन किया था। महात्मा गांधी और राजीव गांधी के सपने को पूरा किया जाएगा  पंच सरपंच प्रजातंत्र की नींव है, बीजेपी सरकार में ये रबर और स्टेम्प बनकर रह गए थे।लेकिन कांग्रेस पंचायत प्रतिनिधियो को हर वो अधिकार देगी, जिसके वे हकदार है।अधिकार वचन पत्र के मुताबिक दिए जाएंगे हमने राहुल गांधी को पंचायत प्रतिनिधियों की परेशानी दूर करने का भरोसा जताया है।

नाथ ने कहा कि  मैं घोषणा नही करता, हमने जो बचनपत्र मे कहा वह करेगे। हम बचन वध्य है। हम जल्द ही राजीव जी के सपनो को साकार करेगे। घोषणा की लम्बी लिस्ट हैं, लेकिन हम घोषणा नही करेंगे हमारे मंत्री घोषणा करेंगे और हम करके दिखाएंगे। कांग्रेस का साथ नही सच्चाई का साथ दे। आपको भोपाल आकर मुख्यमंत्री और मंत्री के पीछे नही घूमना पड़ेगा। कर्जमाफी की है और करते रहेंगे। कृषि क्षेत्र मे सुधार की आवश्यकता है।नौजवान प्रदेश का निर्माण करेगे। आज के भटकते नोजवानो को रोजगार की आवश्यकता है। हम सभी वचन पूरे करेंगें। 

पंचायत प्रतिनिधि हुए नाराज

पंचायती सम्मेलन में पंचायत प्रतिनिधि इंग्लिश में ट्रेनिंग देने पर नाराज हो गए।बताया जा रहा है कि सम्मेलन में प्रतिनिधियों को अंग्रेजी में  मटेरियल दिया गया था, जिसके लेकर प्रतिनिधियो ने नाराजगी जताई। प्रतिनिधियों का कहना था कि अंग्रेजी में दी गई जानकारी समझ के परे है। सरकार को हिंदी में जानकारी देना चाहिये ।हालांकि बाद में मामले को शांत किया गया।फिलहाल कार्यशाला में प्रतिनिधियों को जरुरी टिप्स और ट्रेनिंग दी जा रही है।

बता दे कि कार्यक्रम में कार्यशाला में भोपाल एवं नर्मदापुरम संभाग की सभी ग्राम पंचायतों के सरपंच, उप सरपंच, पंच, प्रदेश की जिला और जनपद पंचायतों के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष सम्मिलित हुए है। ग्राम पंचायतों में ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत कार्यरत स्व-सहायता समूह के अध्यक्ष एवं सचिव भी सम्मिलित होंगे। कार्यशाला स्थल पर पंचायत राज विकास यात्रा पर आधारित प्रदर्शनी भी लगायी जाएगी। संचालक पंचायत राज और सी.ई.ओ. मनरेगा द्वारा प्रशिक्षण का माड्यूल और मटेरियल उपलब्ध कराया जायेगा। इस कार्यक्रम में करीब 20  पंच, सरपंच और उपसरपंचों के शामिल होने का दावा किया जा रहा है।इस में प्रशिक्षण में पंचायत राज की बारीकियों और कार्य प्रक्रिया के विषय में विस्तार से जानकारी दी जाएगी। 

यहां देखे किसकी कितनी बढ़ी विवेकाधीन निधि

जिला पंचायत अध्यक्षो को 25 से 50 लाख

उपाध्याक्ष का 15 से 25

सदस्य 10 से 15 लाख

जनपद अध्यक्ष 12 से 15 लाख

उपाध्यक्ष 8 से 10 लाख

सदस्य 4 से 5 लाख हुआ


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