भोपाल| मध्य प्रदेश में पूर्व की भाजपा सरकार में हुआ बहुचर्चित घोटाला ‘व्यापमं’ एक बार फिर सुर्ख़ियों में है| शिक्षा जगत में महाघोटाला करने वाले व्यापमं को कमलनाथ सरकार बंद करने जा रहे है| हालांकि शिवराज सरकार ने बदनाम हो चुके इस संस्थान का नाम बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड (PEB) कर दिया था। लेकिन बदनामी का दाग नहीं धुला| सरकार में आने से पहले कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में कहा था कि यदि कांग्रेस की सरकार बनेगी तो वो व्यापमं को बंद कर राज्य कर्मचारी चयन आयोग का गठन कर देगी। कमलनाथ सरकार अब इसी वायदे की तरफ आगे बढ़ रही है।
मुख्यमंत्री कमलनाथ ने व्यापम को बंद करने के लिए 15 दिन का समय दिया है। अफसरों को व्यापम बंद करने का प्रस्ताव पेश करने को कहा है। सीएम ने व्यापमं घोटाले की जांच कराने और प्रोफेशनल एग्जाम संचालित करने वाली इस संस्था को बंद करने की तैयारी कर ली है। मुख्यमंत्री ने अफसरों को व्यापमं की जगह सरकारी सेवा में सीधी भर्ती के लिए नई व्यवस्था का प्रस्ताव भी तैयार करने को कहा है।
प्रदेश में सीधी भर्ती के लिए जल्द ही नयी संस्था आकार लेने वाली है| व्यापम यानि पीईबी को बंद किया जा रहा है| प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड की जगह अब राज्य कर्मचारी चयन आयोग जैसी संस्था का बनायी जा रही है| शिवराज सरकार पर सबसे बड़ा आरोप व्यापम घोटाले का ही लगा था| व्यापम के ज़रिए प्रोफेशनल कोर्सेस में एडमिशन और सरकारी नौकरियों में भर्ती घोटाले का मामला सीबीआई जांच और सुप्रीम कोर्ट तक पहुंचा था| घोटाले में कई लोगों की मौत हुई थी। ये घोटाला देश भर में भाजपा की किरकिरी कराने वाली बड़ी वजह भी बना था। अब कमलनाथ सरकार ने व्यापम को बंद कर नया सिस्टम बनाने की तैयारी तेज कर दी है। कांग्रेस ने अपने वचन पत्र में व्यापम बंद करने का वादा किया था| व्यापम पर चारों तरफ से घिरने के बाद भाजपा सरकार ने इसका नाम बदलकर प्रोफेशनल एग्जामिनेशन बोर्ड कर दिया गया था| व्यापम का नाम बदलने के बाद भी परीक्षा में गड़बड़ी की शिकायत सामने आती रहीं|