भोपाल।
एमपी में पीसीसी चीफ को लेकर अबतक कोई फैसला नही हो पाया है, इसी बीच कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया के सिंधिया को राज्यसभा भेजने की मांग ने जोर पकड़ लिया है। कमलनाथ सरकार में समर्थक मंत्री और नेता खुलकर सिंधिया के समर्थन में बयानबाजी कर रहे है। कैबिनेट मंत्री तुलसी सिलावट के बाद अब शिक्षामंत्री प्रभुराम चौधरी ने सिंधिया को राज्यसभा भेजे जाने की पैरवी की है।
रविवार को मीडिया से बात करते हुए प्रभुराम चौधरी ने सिंधिया को राज्यसभा भेजने की मांग की।चौधरी ने कहा है कि ज्योतिरादित्य सिंधिया वरिष्ठ और काबिल नेता हैं। उन्हें राज्यसभा भेजा जाना चाहिए। सिंधिया को राज्यसभा भेजने से पार्टी को उनके अनुभवों का लाभ मिलेगा। इससे पहले प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री तुलसी सिलावट ने ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजने की मांग पार्टी नेतृत्व से की थी।
दरअसल, मध्यप्रदेश से 9 अप्रैल 2020 को 3 राज्यसभा सीटे खाली हो रही है। 9 अप्रैल को कांग्रेस से दिग्विजय सिंह और भाजपा से प्रभात झा और सत्यनारायण जटिया का राज्यसभा का कार्यकाल पूरा हो रहा है। वर्तमान में विधानसभा में दलीय स्थिति के अनुसार खाली हो रही 3 सीटों में से 2 कांग्रेस और 1 भाजपा के खाते में जाने की उम्मीद है।इन्हीं में से एक सीट पर कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया को राज्यसभा भेजने की तैयारी है।
सुत्रों की माने तो पार्टी हाईकमान एक सीट पर सिंधिया को राज्यसभा में भेजने पर जोर दे रही है। इसकी दो वजह है सिंधिया की लंबे समय से चली आ रही है नाराजगी और दूसरी गांधी परिवार से नजदीकी हैं। वहीं राज्यसभा में अच्छे वक्ता की भी पार्टी जरूरत महसूस कर रही है।इसके अलावा ऐसा करके पार्टी नाराज चल रहे सिंधिया गुट को भी संतुष्ट करने की फिराक में है, ताकी कमलनाथ सरकार सुचारू रूप से चल सके। इस सारे गणित और समीकरण को देखते हुए माना जा रहा है कि सिंधिया को राज्यसभा सदस्य बनाया जा सकता है।वही हाल ही में सिंधिया और सीएम कमलनाथ के साथ साथ दिखने से इन चर्चाओं को और बल मिल गया है।
चर्चा में इनके भी नाम
कांग्रेस की ओर से संभावित दो सीटों के लिए तीन बड़े दावेदारों पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह, पूर्व केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सुरेश पचौरी के नाम सामने आ रहे हैं। इसके अलावा अजय सिंह, मीनाक्षी नटराजन और दीपक सक्सेना के नाम भी दावेदारों में गिने जा रहे हैं।