भोपाल।
कोरोना(corona) के इस संकटकाल में किसानों की फसलों की खरीदी तो हो रही है किंतु उन्हें अब तक इसका मूल्य नहीं मिल पाया। शिवराज सरकार(shivraj government) ने खरीदी तो शुरू कर दी जहां करीब 400 करोड़(crore) रुपए की गेहूं की खरीदी की गई। किंतु अभी तक किसी भी किसान को उनकी उपज का मूल्य नहीं मिल पाया है।
इसी बीच खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव शिव शेखर शुक्ला ने कहा है है कि मंगलवार से किसानों को भुगतान की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। भुगतान में देरी इसलिए हो रही है क्योंकि खरीदारी के बाद जब फसल गोदाम में जाती है तो उसकी गुणवत्ता की जांच की जाती है। जिसके बाद ही किसानों को भुगतान किया जाता है। वहीं उन्होंने बताया कि इस बार सॉफ्टवेयर मैनुअल का काम बंद कर दिया क्या। और किसानों को दिक्कत का सामना ना करना पड़े उसके लिए सीएम हेल्पलाइन नंबर की व्यवस्था की गई है। इसके साथ ही प्रमुख सचिव शुक्ला ने बताया कि अब तक लगभग साढ़े तीन लाख मैट्रिक टन गेहूं की खरीदी हुई है। वहीं मंगलवार को खरीदी प्रक्रिया को और विस्तार दिया जाएगा। जिसमें लगभग 25 किसानों को मैसेज भेजे जाएंगे। जिनमें से 20 छोटे दर्ज के किसान, वही 5 बड़े किसान को उपार्जन के लिए बुलाया जाएगा।
दरअसल कोरोना के संकट काल में शिवराज सरकार द्वारा किसानों के उपार्जन पर सहमति के बाद उनके फसलों की खरीदी तो हुई किंतु अभी तक उन्हें उन फसलों का भुगतान नहीं किया गया। हालांकि सरकार द्वारा किसान की फसल की त्वरित भुगतान के लिए just-in-time नामक एक ऐप(app) बनाया गया है किंतु हर बार किसानों को अपनी फसलों के मूल्य के लिए लंबा इंतजार करना पड़ता है। जिसके बाद किसान अपनी फसल बिचौलिए एवं व्यापारी को बेचने के लिए मजबूर है। व्यापारी किसानों के घर जाकर उनकी फसलों एडवांस भुगतान(advancing paying) कर रहे हैं। जिसे कारण जरूरतमंद किसान अपनी फसल सरकारी फसल पर त्वरित भुगतान नहीं होने की वजह से इन व्यापारियों को बेच रहे हैं।