भोपाल/इंदौर।
स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 के लिए देश के सबसे स्वच्छ शहरों के नाम का ऐलान कर दिया गया है।इस बार देश के सबसे स्वच्छ शहर, सबसे स्वच्छ राजधानी और 10 लाख की आबादी का सबसे स्वच्छ शहर का अवॉर्ड मध्य प्रदेश को मिला है। मध्यप्रदेश के इंदौर शहर ने जहां स्वच्छता सर्वे में फिर हैट्रिक लगाई है।वही भोपाल को सबसे स्वच्छ राजधानियों में पहला स्थान मिला है। 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में अहमदाबाद और पांच लाख से कम आबादी वाले शहरों में उज्जैन ने भी बाजी मारी है।
दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इंदौर की महापौर मालिनी गौड, नेता प्रतिपक्ष फौजिया अलीम और नगरीय प्रशासन मंत्री जयवर्धन सिंह को यह पुरस्कार सौपा।वही भोपाल की ओऱ से महापौर आलोक शर्मा ने ये पुरस्कार लिया।3 से 10 लाख की आबादी वाली कैटेगरी में उज्जैन शहर ने बाज़ी मारी। इस कैटेगरी में उज्जैन सबसे स्वच्छ शहर चुना गया।इंदौर को समारोह में तीन अवार्ड मिलना तय माना गया था। इनमें एक अवार्ड रैंकिंग, दूसरा फाइव स्टार रेटिंग और तीसरा अवार्ड इनोवेटिव श्रेणी के आयोजन के लिए दिया गया।लगातार तीसरी बार स्वच्छता सर्वेक्षण में अव्वल आने पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने भी बधाई दी। उन्होंने कहा कि, इंदौर ने स्वच्छता सर्वेक्षण में लगातार तीन बार बाजी है। ये देश के लिए एक मिसाल है। स्वच्छता के काम को जमीन पर अंजाम देने वाले सभी स्वच्छताकर्मियों और स्वच्छाग्राहियों के योगदान के लिए, मैं उन सबको, पूरे राष्ट्र की तरफ से धन्यवाद देता हूं।
सर्वे रिपोर्ट में इंदौर पड़ा भारी
केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय ने देश के 4 हजार 237 शहरों को स्वच्छता सर्वेक्षण-2019 में शामिल किया। इतने शहरों में टॉप 10 शहर का चयन मंत्रालय के लिए करना बड़ी चुनौती रही। सर्वे 5 हजार अंकों को लेकी था, जिसे पाने के लिए इंदौर में केंद्र से जारी की गई गाइड लाइन के हिसाब से काम किया गया। इसीलिए दिल्ली से आई सर्वेक्षण टीम ने 19 दिनों तक इंदौर में रहकर जो रिपोर्ट तैयार की, वह देश के अन्य सभी शहरों पर भारी पड़ी।
इसलिए इंदौर को चुना पहले
इंदौर को पहला स्थान मिला क्योंकि यह देश का पहला ऐसा शहर, जिसने ट्रेंचिंग ग्राउंड को पूरी तरह खत्म कर वहां नए प्रयोग शुरू किए। 100% कचरे की प्रोसेसिंग और बिल्डिंग मटेरियल और व्यर्थ निर्माण सामग्री का कलेक्शन और निपटान। कचरा गाड़ियों की मॉनिटरिंग के लिए जीपीएस, कंट्रोल रूम और 19 जोन की अलग-अलग 19 स्क्रीन लगी हुई थी। 29 हजार से ज्यादा घरों में गीले कचरे से होम कम्पोस्टिंग का काम किए गए। देश के पहले डिस्पोजल फ्री मार्केट बनाया गया। इसमें हाल ही में 56 दुकान क्षेत्र को शामिल किया है। पहला शहर, जहां लाखों लोगों की मौजूदगी के दो जीरो वेस्टइवेंट हुए।
सात कैटेगरी में मिले पुरस्कार
सबसे स्वच्छ शहर : इंदौर
सबसे स्वच्छ बड़ा शहर : अहमदाबाद (10 लाख से ज्यादा आबादी वाला)
सबसे स्वच्छ मध्यम आबादी वाला शहर : उज्जैन (3 -10 लाख की आबादी)
सबसे स्वच्छ छोटा शहर : एनडीएमसी दिल्ली (3 लाख से कम आबादी)
सबसे स्वच्छ राजधानी : भोपाल
सबसे स्वच्छ कैंटोनमेंट : दिल्ली कैंट
सबसे स्वच्छ गंगा टाउन : गौचर, उत्तराखंड