भोपाल। कमलनाथ सरकार बुधवार को विधानसभा में गले चार महीने का खर्च चलाने के लिए लेखानुदान पेश करेगी| लोकसभा चुनाव की वजह से राज्य सरकार वार्षिक बजट पेश नहीं कर रही है। इस कारण लेखानुदान लाया जा रहा है। वित्त मंत्री तरुण भनोत एक अप्रैल से 31 जुलाई 2019 तक खर्च चलाने के लिए 77 हजार 186 करोड़ रुपए से ज्यादा का लेखानुदान प्रस्तुत करेंगे। वहीं, चालू वित्तीय वर्ष की बची हुई अवधि के लिए 72 करोड़ रुपए से ज्यादा का तृतीय अनुपूरक अनुमान प्रस्तुत होगा।
बजट में लोकसभा चुनाव की झलक दिखेगी| प्रदेश की जनता पर कोई नया टैक्स का बोझ नहीं डाला जायेगा| इसके अलावा आधार विधेयक, पंचायतराज एवं ग्राम स्वराज अधिनियम और नगर पालिका संशोधन विधेयक रखे जाएंगे| 18 फरवरी से शुरू हुए विधानसभा सत्र में बुधवार को पहले दिन शासकीय काम हुआ। सोमवार को निधन उल्लेख के बाद सदन की कार्यवाही बुधवार सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित हो गई थी। अब सत्र के दो दिन ही बाकी हैं। इन दिनों में सरकार की सबसे पहली प्राथमिकता लेखानुदान और तृतीय अनुपूरक अनुमान पारित कराने की होगी। लोकसभा चुनाव के मद्देनजर सरकार बजट जुलाई में प्रस्तावित मानसून सत्र में लाएगी, लेकिन तब तक जरूरी खर्च चलाने के लिए 77 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का लेखानुदान प्रस्तुत किया जाएगा। इसके साथ ही वित्त मंत्री वर्ष 2004-05 में स्वीकृत बजट से 83 करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च को नियमित करने के लिए प्रस्ताव रखेंगे। वहीं सदन में पक्ष विपक्ष के बीच भारी हं���ामा होने के आसार है| मंदसौर गोली कांड पर हंगामा हो सकता है| इसकी वजह सोमवार को सदन में कांग्रेस सरकार की और से दिया गया लिखति जवाब और फिर मंगलवार को सदन के बाहर दिए गए बयान है। इसके अलावा चित्रकूट में बच्चों के अपहरण का मामला भी सदन में उठ सकता है।
किसानों के मुद्दे पर बनेंगे हंगामे के आसार
नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव किसानों की कर्जमाफी को लेकर कमलनाथ सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगा चुके हैं। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी किसानों की 10 दिन के भीतर कर्जमाफी नहीं होने पर किसानों के साथ कांग्रेस का छलावा बता चुके हैं। ऐसे में विपक्ष कर्जमाफी के मुद्दे पर सरकार को घेरने की कोशिश करेगा। विधायक दल की बैठक में नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा है कि कर्जमाफी पर सरकार को एक्सपोज़ करना है| हमें पलायन नहीं करना, सांकेतिक वाकआउट करेंगे| तथ्य तर्क और होंसले से सरकार को घेरकर आइना दिखाना है|
कांग्रेस ने किसानों से 10 दिन में कर्जा माफ करने का वादा किया था। दो महीना होने जा रहा है, लेकिन अभी तक एक किसान का भी कर्जा माफ नहीं किया है। कांग्रेस ने किसानों के साथ छलावा किया है। अपहरण जैसी वारदातों से प्रदेश में दहशत बढ़ी है। विधानसभा में जनहित के सभी मुद्दों को उठाया जाएगा।
गोपाल भार्गव, नेता प्रतिपक्ष, मप्र विधानसभा
कानून व्यवस्था, अपहरण, ह्त्या के मामलों पर घिरेगी सरकार
यूं तो मप्र विधानसभा में अपहरण के मुद्दे खूब उठते रहे हैं। कांग्रेस की तत्कालीन सरकारों के समय विपक्ष के पास सबसे बड़ा मुद्दा डकैत और अपहरण ही हुआ करता था। लेकिन पिछले एक दशक के भीतर मप्र में डकैतों के सफाए के साथ अपहरण की वारदातों में कमी आई। जिसकी वजह से विधानसभा में अपहरण का मुद्दा लंबे समय से नहीं उठा। पिछले दो महीने के भीतर प्रदेश में करीब डेढ़ दर्जन अपहरण की वारदतों को अंजाम दिया जा चुका है, जिसमें से चित्रकूट, झाबुआ, इंदौर, आगर-मालवा, शिवपुरी की वारदातें चर्चा में रही हैं। अपहरण की इन वारदातों को लेकर ही विपक्ष विधानसभा में कमलनाथ सरकार की घेराबंदी करने की रणनीति बनी है। खास बात यह है कि विपक्ष अपहरण की वारदातों को कांग्रेस की तत्कालीन सरकारों के कार्यकाल से जोड़ेगा। विपक्ष की ओर से विधानसभा में इस तरह से मामला उठाया जाएगा कि पहले कांगे्रस के समय में डकैत थे और अपहरण की घटनाएं होती थी, अब फिर से अपहरण शुरू हो गए हैं। हालांकि सत्ता पक्ष ने भी विपक्ष के आरोपों का जवाब देने की पूरी तैयारी कर ली है। बताया गया कि सरकार भाजपा शासन काल में किसानों की आत्महत्या, महिला अपराध, हत्या, अपहरण, मानव तस्करी से जुड़े अपराधों का पूरा लेखा-जोखा तैयार कर रही है, जिसके आधार पर विपक्ष के आरोपों का जवाब दिया जाएगा। सत्ता पक्ष की ओर से यह बताने की कोशिश होगी कि भाजपा सरकार में प्रदेश में कानून व्यवस्था चौपट थी।