भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश में जहां कोरोना संक्रमितों (Corona infected) का आंकड़ा 73 लाख के पार पहुंच गया है वही मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना मरीजों की संख्या डेढ़ लाख का आंकड़ा पार कर गई है। उपचुनाव (By-elections) की सरगर्मियों के बीच आज गुरुवार (Thursday) को 1300 से ज्यादा नए केस सामने आए है, वही 24 की मौत हो गई। 18 सितम्बर, 2020 को समस्त दुकानों को रात्रि 8 बजे तक ही खोलने संबंधी आदेश को निरस्त कर दिया गया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी मेडिकल बुलेटिन के अनुसार आज 1308 नए कोरोना संक्रमितों की पुष्टि हुई है, जिसके बाद प्रदेश में कुल संक्रमितों की संख्या बढ़कर 1 लाख 56 हजार 584 हो गई।वही आज इलाज के दौरान 24 ने दम तोड़ दिया, जिसके बाद मृतकों की संख्या 2710 हो गई है।आज प्रदेशभर में 1559 कोरोना मरीज स्वस्थ हुए हैं।नए मरीज मिलने और डिस्चार्ज होने के बाद प्रदेश में अब सक्रिय मरीजों की संख्या 14 हजार 157 हो गई।वही प्रदेश में अब तक 1 लाख 39 हजार 717 मरीज स्वस्थ हुए हैं। इंदौर में आज 372 , भोपाल में 181, जबलपुर में 69 और ग्वालियर में 45 नए केस सामने आए है।खास बात ये है कि निवाड़ी में आज एक भी केस सामने नही आया है।
इसके अलावा मध्यप्रदेश (MP) में रिकवरी रेट में जबरदस्त सुधार हो रहा है, रिकवरी दर भी 88 प्रतिशत को पार कर गई है, जिसके चलते सक्रिय मरीजों की संख्या में कमी हो रही है। अब महिनों बाद आम जिंदगी धीरे-धीरे पटरी पर लौट रही है और बाजारों में चहल पहल बढ़ गई है, दुकानों पर खरीदारों की आमद में भी इजाफा हो रहा है। वही शिवराज सरकार (State government) द्वारा भी संक्रमण को रोकने के लिए कई एहतियाती कदम भी उठाए जा रहे है। इस क्रम में पहली से आठवीं तक के विद्यालयों को 15 नवंबर तक बंद रखने का फैसला भी लिया है। वहीं नवमीं से 12वीं तक के विद्यालय आंशिक रुप से खुल रहे है।
ऑक्सीजन की पर्याप्त उपलब्धता- शिवराज सिंह चौहान
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) का कहना है कि सभी जिलों में कोरोना अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बेड्स उपलब्ध हैं और ऑक्सीजन की भी पर्याप्त उपलब्धता है। मुख्यमंत्री चौहान ने आने वाले समय में और सतर्क रहने पर जोर देते हुए कहा कि त्योहारों पर विशेष सावधानी बरतने तथा सर्दी के मौसम के लिए सभी जिलों में कोरोना संबंधी पूरी तैयारी रखनी होगी।
गृह विभाग ने जारी किये नवीन निर्देश
अपर मुख्य सचिव, गृह डॉ. राजेश राजौरा (Additional Chief Secretary, Home Dr. Rajesh Rajaura) ने बताया है कि कोरोना वायरस संक्रमण की रोकथाम एवं बचाव के लिये नवीन दिशा-निर्देश (New guidelines) जारी किये गये हैं। सामाजिक, शैक्षणिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, राजनैतिक, रामलीला एवं रावन-दहन आदि कार्यक्रमों में जन-समूह तथा धार्मिक स्थलों में पूजा-अर्चना के संबंध में जारी निर्देशों का पालन अनिवार्य रूप से कराने के निर्देश समस्त कलेक्टरों को दिये गये हैं।अब प्रदेश में दुकानें, बाजार, मॉल अपने निर्धारित समय तक खुले रह सकेंगे। उन्होंने बताया है कि उक्त आदेश 16 अक्टूबर, 2020 से सम्पूर्ण प्रदेश में आगामी आदेश तक लागू होंगे।
त्यौहारों को लेकर नई गाइडलाइन जारी
खुले मैदान में सामाजिक, शैक्षणिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, राजनैतिक, रामलीला एवं रावन-दहन इत्यादि कार्यक्रम मैदान के आकार को दृष्टिगत रखते हुए फेस मास्क, सोशल डिस्टेंसिंग, सेनिटाइजिंग एवं थर्मल स्केनिंग की व्यवस्था के पालन करने की शर्त पर 100 से अधिक संख्या के जन-समूह के कार्यक्रमों के लिये जिला प्रशासन से अनुमति प्राप्त करना होगी।
उक्त कार्यक्रम कंटेनमेंट जोन में आयोजित नहीं हो सकेंगे।
आयोजन के लिये प्रशासन को कार्यक्रम की तिथि, समय, स्थान एवं संभावित संख्या का उल्लेख करते हुए लिखित में आवेदन करना होगा।
जिला प्रशासन आवेदन पर विचार कर अनुमति प्रदान करेगा, जिसमें संख्या एवं शर्तों के पालन की जिम्मेदारी आयोजकों की रहेगी।
आयोजकों को कार्यक्रम की वीडियोग्राफी 48 घंटे में जिला प्रशासन को उपलब्ध कराना होगा।
प्रदेश में आगामी आदेश तक धार्मिक स्थलों पर मेलों के आयोजन प्रतिबंधित रहेंगे।
ऐसे धार्मिक स्थल, जहाँ श्रद्धालु बंद कक्ष अथवा हॉल में एकत्रित होते हैं, वहाँ जिला कलेक्टर द्वारा कुल उपलब्ध स्थान के आधार पर अधिकतम सीमा नियत की जा सकेगी।
उपलब्ध स्थान पर श्रद्धालुओं के मध्य पूजा-अर्चना के दौरान भी दो गज की दूरी बनाये रखना जरूरी होगा।
धार्मिक स्थल प्रबंधन को सुनिश्चित करना होगा कि कोविड-19 रोकथाम के लिये फेस मास्क की बाध्यता एवं सोशल डिस्टेंसिंग का पालन धर्मावलंबियों द्वारा अनिवार्य रूप से किया जाये।
प्रशासन द्वारा प्रदत्त अनुमति में उल्लेखित शर्तों के उल्लंघन पर भारतीय दण्ड विधान की धारा-188 के अंतर्गत वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
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Pooja Khodani
खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते।
"कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ।
खबरों के छपने का आधार भी हूँ।।
मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ।
इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।।
दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ।
झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।"
(पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)