भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में प्राइवेट मेडिकल कॉलेज (private medical college) छात्रों को एक बहुत बड़ी राहत मिली है। जहां सुप्रीम कोर्ट ने खाली सीटों को 7 दिन के भीतर भरने के निर्देश दिए हैं। अब निजी मेडिकल कॉलेज में तीन राउंड काउंसलिंग (3rd round councelling) के बाद बचे हुए सीटों पर मेडिकल छात्रों (medical students) की भर्ती करनी होगी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट (supreme court) ने शिवराज सरकार (sivraj government) के नियमों को अवैधानिक करार दिया है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के दौरान मेडिकल कॉलेज और छात्रों को सुप्रीम राहत दी। इसके साथ ही मेडिकल कॉलेज में खाली हुए सीटों को 7 दिन के भीतर भरने के निर्देश भी जारी की है। वहीं सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब कॉलेज में सीटें खाली है और बच्चे भी प्रवेश पाने के लिए इच्छुक हैं। ऐसे में कॉलेज में सीट खाली रखने का कोई औचित्य नहीं नजर आता। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा करना कहीं ना कहीं मेडिकल छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करना ही है।
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बता दें कि प्रदेश सरकार के नियमों के खिलाफ इंदौर हाई कोर्ट (indore highcourt) में पहले याचिका दायर की गई थी। इसके बाद इंदौर हाईकोर्ट ने मेडिकल छात्रों और कॉलेजों को राहत देने से इंकार कर दिया था। इसके साथ इंदौर हाईकोर्ट ने कहा था कि सरकार ने जो नियम प्रक्रिया बनाई है। इसके मुताबिक ही प्रवेश दी जाएगी। जिसके बाद इंदौर हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
ज्ञात हो कि प्रदेश सरकार के नियमों के अनुसार तीन राउंड की काउंसलिंग के बाद बची सीटों पर कॉलेज छात्रों को प्रवेश नहीं दे पाते थे। प्रदेश सरकार के नियम के मुताबिक तीन राउंड की काउंसलिंग के बाद बची हुई सीटों को ब्लॉक कर दिया जाता था। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए एक सुप्रीम निर्णय दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश देते हुए कहा कि प्रदेश में जितने भी निजी मेडिकल कॉलेज हैं। उनकी बची हुई सीटों को 7 दिन के अंदर भर दिया जाए।