नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। बहुत जल्द ये हो सकता है कि आप सड़क पर निकले और आपके बगल से कोई गाड़ी बांसुरी बजाते हुए गुजर जाए। या फिर किसी गाड़ी को साइड चाहिए तो आपको तबले की थाप या सितार या तानपुरे की मधुर ध्वनि सुनाई है। दरअसल केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग विभाग इसपर काम कर रहा है कि कर्कश हॉर्न (Horn) की जगह सुमधुर भारतीय वाद्य यंत्र सुने जा सकें।
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सड़क पर अक्सर हम सब कभी न कभी गाड़ियों के हॉर्न से डिस्टर्ब हुए होंगे। वाहनों के हॉर्न से जहां ध्वनि प्रदूषण फैलता है, वहीं ये शोर व्यक्ति को परेशान भी कर डालता है। ये परेशानी केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी (Nitin Gadkari) को भी महसूस हुई। उनका कहना है कि वे नागपुर में 11वीं मंजिल पर रहते हैं और रोज सुबह 1 घंटे प्राणायाम करते हैं। लेकिन इस दौरान हॉर्न की आवाज सुबह की शांति में खलल डालती है और उन्हें इससे काफी परेशानी होती है। इसी के बाद उन्हें ये विचार उपजा कि वाहनों के हॉर्न में कर्कश आवाज की जगह भारतीय वाद्य यंत्रों की मीठी धुन भी सुनाई दे सकती है। इसे लेकर उन्होने विभाग को निर्देश दिए हैं और विभाग हॉर्न की आवाज बदलने पर काम कर रहा है।