क्या आप भी हैं मुहांसों से परेशान! पिंपल्स को सिर्फ स्किन प्रॉब्लम समझकर न करें नज़रअंदाज, आपका शरीर दे रहा है कुछ संकेत

Shruty Kushwaha
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Pimples and Acne More Than Just Skin Problems : अगर आप पिंपल्स की समस्या से जूझ रहे हैं, तो इसे सिर्फ एक त्वचा की समस्या नहीं मानना चाहिए। कई बार मुहांसे हमारे शरीर के भीतर कुछ स्वास्थ्य समस्याओं का संकेत भी हो सकते हैं। अगर आपकी त्वचा पर लगातार मुंहासे हो रहे हैं तो यह शरीर के भीतर कुछ असंतुलन का इशारा हो सकते हैं। और समय रहते इन्हें ठीक नहीं किया गया तो आगे जाकर ये बड़ी समस्याओं का कारण भी बन सकते हैं।

पिंपल्स एक संकेत हैं कि आपके शरीर में कुछ असंतुलन या कुछ और प्रॉब्लम हो सकती है। इनका सही तरीके से इलाज करने के लिए जरूरी है कि आप अपनी त्वचा के अलावा अपने शरीर के आंतरिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान दें। आहार में सुधार, तनाव कम करने के उपाय और हार्मोनल संतुलन को बनाए रखना आपके पिंपल्स की समस्या को हल करने में मदद करेगा।

पिंपल्स: सिर्फ त्वचा की समस्या नहीं

मुंहासे जिन्हें हम आमतौर पर एक सामान्य त्वचा समस्या मानते हैं, दरअसल शरीर के आंतरिक स्वास्थ्य के बारे में महत्वपूर्ण संकेत देते हैं। यदि आपके चेहरे पर मुंहासे हो रहे हैं तो यह सिर्फ त्वचा की समस्या नहीं है, बल्कि यह आपके आहार, आंतों की सेहत और हार्मोनल असंतुलन की ओर इशारा कर सकता है। आइए, हम विस्तार से समझें कि कैसे ये तीन कारण मुंहासों का कारण बन सकते हैं और उनसे कैसे बचाव किया जा सकता है।

1. असंतुलित आहार

आहार हमारे स्वास्थ्य का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। अगर हम असंतुलित या गलत आहार का सेवन करते हैं तो यह हमारे शरीर में विषाक्त पदार्थों को जमा कर सकता है, जो त्वचा पर मुंहासों के रूप में दिखाई देते हैं।

  • प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ: इन खाद्य पदार्थों में ऐसे रसायन और कृत्रिम तत्व होते हैं, जो शरीर में सूजन और संक्रमण को बढ़ावा दे सकते हैं, जिससे मुंहासे हो सकते हैं।
  • रिफाइंड शुगर : बहुत चीनी का सेवन ब्लड शुगर को बढ़ाता है, जिससे शरीर में अधिक इंसुलिन का उत्पादन होता है, जो तैलीय त्वचा का कारण बन सकता है और मुंहासे उत्पन्न कर सकता है।
  • सैचुरेटेड फैट और कैफीन: यह भी हार्मोनल असंतुलन का कारण बनते हैं, जिससे त्वचा पर मुंहासे दिखाई देते हैं।

बचाव : आपको अपने भोजन में अधिक ताजे फल, सब्जियां और साबुत अनाज शामिल करने चाहिए। विशेष रूप से हरी पत्तेदार सब्जियाँ और फाइबर से भरपूर आहार को प्राथमिकता दें। यह आहार आपके शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करेगा, जिससे आपकी त्वचा पर चमक और स्वास्थ्य आएगा।

2. आंतों की समस्याएं

आपकी आंतों की सेहत का सीधा प्रभाव आपकी त्वचा पर पड़ता है। यदि आपकी आंतों में बैक्टीरिया असंतुलित हैं या पाचन क्रिया कमजोर है, तो यह शरीर में विषाक्त पदार्थों के संचय का कारण बन सकता है, जो मुंहासे उत्पन्न कर सकते हैं।

  • आंतों में बैक्टीरिया का असंतुलन, जिसे “गट फ्लोरा” कहा जाता है, शरीर के भीतर सूजन और विषाक्त पदार्थों को उत्पन्न कर सकता है। यह सीधे तौर पर आपकी त्वचा को प्रभावित करता है।
  • अत्यधिक तैलीय और मीठा आहार आंतों की सेहत को बिगाड़ सकता है, जिससे पाचन क्रिया प्रभावित होती है और त्वचा पर प्रदूषण और मुंहासे हो सकते हैं।

बचाव : फाइबर युक्त आहार जैसे हरी पत्तेदार सब्जियां, फल, और साबुत अनाज आपके आंतों की सेहत को सुधार सकते हैं और मुंहासों को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। इसके अलावा प्रोबायोटिक्स (जैसे दही और फरमेंटेड फूड) का सेवन आंतों के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी हो सकता है।

3. हार्मोनल असंतुलन

हार्मोनल असंतुलन मुंहासों का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है। विशेष रूप से युवावस्था, गर्भावस्था या मासिक धर्म के दौरान हार्मोनल उतार-चढ़ाव से त्वचा पर मुंहासे उत्पन्न हो सकते हैं।

  • अत्यधिक टेस्टोस्टेरोन (पुरुष हार्मोन) का उत्पादन महिलाओं में तैलीय त्वचा का कारण बन सकता है।
  • गर्भावस्था या पीरियड्स के समय होने वाले हार्मोनल बदलाव से भी मुंहासे हो सकते हैं।

बचाव : कुछ प्राकृतिक उपाय जैसे नींबू पानी, आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियां और हार्मोनल संतुलन को बनाए रखने वाले खाद्य पदार्थों का सेवन इस समस्या को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है। नींबू का रस हार्मोनल असंतुलन को संतुलित करता है और त्वचा को साफ करने में मदद करता है।

इस तरह रखें अपनी त्वचा का खयाल

आपकी त्वचा की देखभाल भी मुंहासों को नियंत्रित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। बिना स्वच्छता के मुंहासों का इलाज असंभव है। अगर आप पिंपल्स की समस्या से निपटना चाहते हैं, तो त्वचा की सही देखभाल के साथ अपनी आंतरिक सेहत पर भी ध्यान देना होगा। सही आहार, सही जीवनशैली और स्किन केयर से आप पिंपल्स की समस्या से काफी हद तक छुटकारा पा सकते हैं। लेकिन अगर समस्या लगातार बनी हुई है तो डॉक्टर की सहायता लेना जरूरी है।


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Shruty Kushwaha

Shruty Kushwaha

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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