भविष्यवक्ताओं ने कई ऐसी भविष्यवाणियां की हैं, जो आज भी लोगों को आश्चर्यचकित करती हैं। चाहे वह नास्त्रेदमस हों या बाबा बेंगा या कोई और। लेकिन आज हम आपको एक ऐसे भविष्यवक्ता की भविष्यवाणियां बताने जा रहे हैं, जो लगभग सच होती हुई दिखाई दे रही हैं। दरअसल, संत अच्युतानंद दास ने 2025 के बाद की कुछ ऐसी भविष्यवाणियां की थीं, जिन्हें सुनकर आप हैरान हो सकते हैं।
संत अच्युतानंद दास के अनुसार, धरती तीन चरणों से गुजरेगी। पहला चरण जब कलियुग का अंत होगा, दूसरा चरण महाविनाश का होगा और तीसरा चरण तब होगा जब एक नए युग की शुरुआत होगी। संत अच्युतानंद दास की भविष्यवाणी के अनुसार, जब शनि मीन राशि में प्रवेश करेगा, तब भारत के संकट दूर हो जाएंगे।
संत अच्युतानंद दास की भविष्यवाणियां सच होती हुई दिखाई दे रही
दरअसल, संत अच्युतानंद दास की भविष्यवाणियों को 2024 के अनुसार देखा जाए, तो उन्होंने कहा था कि 2024 में शनि कुंभ राशि से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेगा। इसके बाद किसान खेती करना बंद कर देंगे और जंगली जानवर शहरों और गांवों पर हमला करना शुरू कर देंगे। 2024 में देखा गया कि उत्तर प्रदेश के बहराइच में जंगली आदमखोर भेड़ियों ने गांवो पर हमला किया था, जिसमें कई लोग अपनी जान गंवा बैठे। बड़ी मुश्किल से आदमखोर भेड़ियों को पकड़ा जा सका था। संत अच्युतानंद दास की भविष्यवाणियों के अनुसार, 2024 में धरती की स्थिति बदलेगी, और भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदाएं बढ़ेंगी। 2025 की शुरुआत में ही कई भूकंप के झटके महसूस किए गए। 7 जनवरी को तिब्बत में आए भूकंप ने कई लोगों की जान ले ली थी।
आने वाले समय में क्या होगा?
वहीं, आने वाले समय की भविष्यवाणियों पर नजर डालें, तो संत अच्युतानंद दास के अनुसार 2025 के बाद का समय बेहद खराब होगा। इस दौरान महाविनाश होगा, और केवल वही लोग जिंदा बचेंगे, जो धर्म और सच्चाई के मार्ग पर चलेंगे। संत अच्युतानंद दास के अनुसार, आसमान में दो सूरज दिखाई देंगे। बता दें कि कॉन्सीपरी थ्योरिस्ट के अनुसार कोलंबिया के एक गांव में अचानक दो सूरज दिखाई दिए थे, जिससे लोग हैरान रह गए थे। इसके अलावा, संत अच्युतानंद दास ने भविष्यवाणी की है कि एक आसमानी पिंड बंगाल की खाड़ी में गिरेगा। इस पिंड के कारण उड़ीसा जलमग्न हो जाएगा, समुद्र का जलस्तर बढ़ जाएगा, और जगन्नाथ मंदिर की 22 सीढ़ियों तक पानी पहुंच जाएगा। हर जगह प्राकृतिक आपदाएं होंगी। इसी बीच तीसरा विश्व युद्ध छिड़ जाएगा, जिसमें लोग कीट-पतंगों की तरह मारे जाएंगे, और दुनिया की जनसंख्या मात्र 64 करोड़ रह जाएगी। इन आपदाओं के कारण धरती पर सात दिन तक अंधेरा रहेगा। संत अच्युतानंद दास के अनुसार, ये सभी घटनाएं 2022 से 2029 के बीच घटित होंगी।