Govind Singh Rajput gets big relief from Supreme Court : मध्यप्रदेश के राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। उनके खिलाफ एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका को कोर्ट ने शुक्रवार को खारिज कर दिया है। याचिकाकर्ता ने खुद कोर्ट में उपस्थित होकर याचिका को वापस लेने का आवेदन लगाया था। कोर्ट में मंत्री के खिलाफ सीताराम पटेल ने अपने पिता की गुमशुदगी के मामले में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका (किसी व्यक्ति को न्यायालय के समक्ष पेश करने के लिए) लगाई थी। याचिका में आरोप था कि 22 अगस्त 2016 को उसके पिता को मंत्री राजपूत ने मिलने के लिए बुलाया था जिसके बाद से उसके पिता लापता हैं। उसके पिता ने तहसीलदार कोर्ट में गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ केस लगाया था, जो जमीन को लेकर था। इसी के साथ सीताराम ने उनपर जमीन हड़पने का आरोप भी लगाया था और बाद में वो उससे भी पलट गए थे।
अपने आरोप से पलटा फरियादी
सीताराम पटेल ने कहा था कि जमीन को लेकर आरोप लगाने के लिए उसे पूर्व बीजेपी नेता राजकुमार सिंह धनौरा और विनय मलैया ने कहा था। इसके लिए उसे दो करोड़ रूपये और जमीन दिलाने का लालच दिया गया था। उसने बताया कि 31 दिसंबर 2022 को विनय मलैया जो उनके पड़ोस में ही रहते हैं, उन्होने उसे मिलने बुलाया। वहां राजकुमार धनौरा भी मौजूद थे। दोनों ने उससे कहा कि पिताजी की गुमशुदगी का मामला चल ही रहा है, अब एक और जमीन के केस में मंत्री को फंसाना है। इसके लिए एक से दो करोड़ रूपये मिलेंगे और जमीन भी उसी के नाम कर दी जाएगी। उसके मुताबिक उन्होने उसे 10 हजार रूपये दिए और इसके बाद वो पैसों के लालच में आ गया और हामी भर दी। 1 जनवरी को मलैया के कहने पर उसे राजकुमार धनौरा अपने साथ दिल्ली ले गया और सुप्रीम कोर्ट में शिकायतें डलवाने के लिए अलग अलग कागज़ों पर दस्तखत करवाए।
सीताराम का कहना है कि इसके बाद उसे कहा कि सागर में रहने पर उसे खतरा हो सकता है और ये बात कहकर राजस्थान में अजमेर की तरफ लेकर गए और वहां घुमाते रहे और अलग अलग कागजों पर साइन भी लेते रहे। उसने जब भी घर जाने की बात कही तो धनौरा ने बंदूक दिखाकर धमकाया और कहा कि घर जाने की बात करोगे तो जान से मार दूंगा और इसका इल्जाम मंत्री राजपूत पर लगा दिया जाएगा। सीताराम का कहना है कि 19 जनवरी को वो ट्रेन से अपने घर लौटा और यहां आकर उसने सारी बात अपने घरवालों और परिचत को बताई। इस मामले में अब पुलिस ने राजकुमार सिंह धनौरा और विनय मलैया के खिलाफ धारा 342, 506, 120बी के तहत केस दर्ज किया है। धनौरा पर इससे पहले भी एक करोड़ से अधिक के गबन और किसान मोर्चा अध्यक्ष के लेटर पैड का दुरुपयोग करने के मामले में एफआईआर हो चुकी है।