भोपाल। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सुरक्षा में अब परनिंदा भी पर नहीं मार सकेगा| चौहान को सिमी से खतरा होने के चलते केंद्रीय गृह मंत्रालय ने उनकी सुरक्षा बढ़ा दी है। अब पूर्व मुख्यमंत्री चौहान जेड प्लस सुरक्षा के घेरे में चलेंगे। यह अति महत्वपूर्ण सुरक्षा होती है। जेड प्लस सुरक्षा मुख्यमंत्री को मिलती है। ऐसा पहली बार होगा जब पूर्व मुख्यमंत्री और वर्तमान मुख्यमंत्री दोनों जेड प्लस सुरक्षा में रहेंगे। गृह मंत्रालय ने आशंका जताई है कि चौहान को सिमी संगठन से खतरा है इसलिए उनकी सुरक्षा बढ़ाई गई है।
दरअसल, 31 अक्टूबर 2016 को राजधानी भोपाल में जेल से 8 विचाराधीन सिमी कैदी जेल से भाग गए थे। इन पर आतंकी गतिविधियों में लिप्त होने के आरोप थे। पुलिस ने इन आठों कैदियों को राजधानी से 40 किमी दूर ईंटखेड़ी के पास एनकाउंटर में मार गिराया था। यह कार्रवाई शिवराज के सीएम रहते हुए हुई थी। अब वह पद पर नहीं है लिहाजा गृह मंत्रालय ने सिमी संगठन द्वारा बदला लेने की संभावना जताई है।
विधानसभा चुनावों से पहले जन आशीर्वाद यात्रा के दौरान भी, केंद्र ने चौहान को धमकी की चेतावनी दी थी। नियम के अनुसार, गृह राज्य मंत्री की अध्यक्षता वाली समिति वीवीआईपी सुरक्षा कवर का फैसला करती है और केंद्रीय गृह मंत्रालय को एक विशेष मंत्री को सुरक्षा कवर की श्रेणी की सिफारिश करती है। हालांकि, चौहान के मामले में केंद्रीय मंत्रालय ने गृह राज्य मंत्री की सिफारिश का इंतजार नहीं किया। और जेड प्लस सुरक्षा कवर का विस्तार करने का फैसला किया। केंद्रीय गृह मंत्रालय चौहान को जेड प्लस सुरक्षा प्रदान कर दी है। उनके अलावा सीएम नाथ को भी यह सुरक्षा मिली है। आईजी लॉ एंड आर्डर योगेश चौधरी ने बताया कि भारत सरकार के गृह मंत्रालय ने पूर्व सीएम चौहान को जेड प्लस सुरक्षा देने के आदेश दिए हैं। वह जहां भी जाएंगे अब उन्हें जेड प्लस सुरक्षा मिलेगी।
भारत में बड़े नेताओं और अधिकारियों को सुरक्षा के लिए सिक्यूरिटी दी जाती है। खतरों को देखते हुए सरकार जेड प्लस, जेड, वाई या एक्स कैटगरी की सुरक्षा देने का फैसला करती है। इस तरह की सुरक्षा पाने वालों में खिलाडी और एक्टर भी होते है। भारत में फिलहाल करीब 450 लोगों को इस तरह का सुरक्षा कवच मिला हुआ है। देश में दिग्गज नेताओं, बड़े अधिकारियों और ख़ास शख्सियतों को सरकार की तरफ़ से अलग-अलग श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई जाती है और इसका फ़ैसला केंद्र सरकार करती है। जेड प्लस कैटगरी में 36 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं। 10 एसपीजी और एनएसजी कमांडो होते है और बाकी पुलिस होते है। सिक्यूरिटी के पहले घेरे में एनएसजी के कमांडो होते है, जबकि दूसरे लेयर में एसपीजी के अधिकारी होते हैं।