लॉकडाउन में MP में बढ़ा महिला अपराध, Women’s Helpline 181 में 14 हजार मामले दर्ज

Pooja Khodani
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women's helpline 181

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। कोरोना काल (Corona Crisis) के दौरान लॉकडाउन (Lockdown) से अनलॉक (Unlock) के बीच मध्य प्रदेश में महिला हेल्पलाइन ‘181’(Women’s Helpline 181)  पर अपराध और घरेलू हिंसा के 14 हजार से ज्यादा मामला दर्ज किए गए है, हालांकि इनमें से 12 हजार से ज्यादा मामलों का निराकरण किया जा चुका है।लेकिन इन सरकारी आंकड़ों को देखकर अंदाजा लगाया जा सकता है कि मध्य प्रदेश (MP) में महिलाओं पर होने वाले अपराधों की स्थिति क्या है। यही नहीं आंकड़े शिवराज सरकार (Shivraj Government) के महिला सुरक्षा को लेकर किए गए दावों पर भी सवाल खड़ा करते है।

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दरअसल, मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में भारत शासन (Government of India) के सहयोग से महिला हिंसा और घरेलू हिंसा (Female Violence and Domestic Violence ) पर महिलाओं को सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से एक मार्च 2020 को ‘181’ महिला हेल्पलाइन (Women’s Helpline 181) शुरू की गई थी। महिलाओं की सहायता सूचना एवं सहयोग के लिए टोल फ्री नंबर 24 × 7 संचालित है।

महिला हेल्पलाइन के माध्यम से एक मार्च 2020 से 21 फरवरी 2021 तक कुल 14 हजार 450 प्रकरणों में से 12 हजार 513 प्रकरणों का निराकरण किया गया। महिला हेल्पलाइन ‘181’ (Women’s Helpline 181) में प्रतिदिन अनुमानित 60 कॉल आते हैं और एक दिन में 10 से 12 प्रकरणों पर काउंसलिंग (Counseling) की जाती है। इसके अतिरिक्त लगभग 350 प्रकरणों पर फॉलोअप भी लिया जाता है।

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उल्लेखनीय है कि ‘181’ हेल्पलाइन के माध्यम से पुलिस (MP Police), अस्पताल (Hospital), एंबुलेंस (Ambulence), जिला कानूनी सेवा प्राधिकरण, संरक्षण अधिकारी आदि सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा रही हैं। महिला हेल्पलाइन (Women’s Helpline 181) को प्रदेश के समस्त 51 वन स्टॉप सेंटर से एकीकृत किया गया है। इसके अतिरिक्त हेल्पलाइन के माध्यम से महिलाओं को शासकीय सेवाओं और योजनाओं की जानकारी भी प्रदान की जाती है। हेल्पलाइन में अनुभवी परामर्शदाता उपलब्ध रहते हैं, जो महिलाओं को भावनात्मक सहयोग के साथ आवश्यक मार्गदर्शन देते हैं।


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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