भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। हाल ही में 19 जिलों की 28 सीटों पर हुए मध्यप्रदेश उपचुनाव (Madhya Pradesh By-election) के दौरान भिंड (Bhind) और मुरैना (Morena) जिले की विधानसभाओं में गोलीबारी, विवाद, EVM में तोड़फोड़, बाइक में आग और दंबगों द्वारा मतदान जैसे खबरें सामने आई थी, जिस पर कांग्रेस (Congress) ने पुर्नमतदान की मांग की थी, वही जौरा से कांग्रेस प्रत्याशी पंकज उपाध्याय (Congress Candidate Pankaj Upadhyay) द्वारा भी ग्वालियर हाईकोर्ट (Gwalior High Court) में याचिका लगाई गई थी, जिसे खारिज कर दिया गया। इस मामले में अबतक चुनाव आयोग (Election Commission) द्वारा भी कोई कार्रवाई नही की गई, जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ (Kamal Nath) का बड़ा बयान सामने आया है।
कमल नाथ (Former Chief Minister Kamal Nath) ने कहा है कि सुमावली विधानसभा (Sumawali Assembly), मुरैना विधानसभा (Morena Assembly), मेहगांव विधानसभा (Mehgaon Assembly) सहित अन्य उप-चुनाव वाले क्षेत्रों में भाजपा (BJP) के लोगों ने हिंसक घटनाओं के माध्यम से और गोली चलाकर बूथ कैप्चरिंग की। उन्हें इसके लिए खुलेआम पुलिस (Police) और प्रशासन का संरक्षण मिला। इन सारी घटनाओं की वीडियो (Video) और खबरें विभिन्न प्रचार माध्यमों से सामने आई हैं लेकिन दुख:द है कि चुनाव आयोग ने शिकायतों और प्रमाणों के बाद भी ऐसे बूथों पर पुर्न मतदान (Re-Polling) करवाना उचित नहीं समझा।
नाथ ने कहा कि इस तरह की घटनाओं के प्रमाणित तथ्य ,शिकायतों के साथ प्रत्याशियों द्वारा चुनाव आयोग के समक्ष प्रस्तुत भी किये गये किंतु पुनर्मतदान का निर्णय नहीं लिया जाना दुर्भाग्यपूर्ण है।इस तरह की घटनाओं पर अपराधिक मामले भी दर्ज नहीं किये गये। इन तथ्यों से स्पष्ट है कि पुलिस और प्रशासन द्वारा ऐसे तत्वों की खुलकर मदद की गई, उनकी मूक सहमति से ही यह सब घटित हुआ है। प्रदेश की जनता ने इन उपचुनावो में भाजपा के धनबल, अर्थबल और बाहुबल का खुला नंगा नाच देखा है। इन घटनाओं से प्रदेश की छवि देश भर में धूमिल हुई है।
नाथ ने कहा कि मैने पहले भी कहा है कि पुलिस और प्रशासन के अधिकारी निष्पक्ष तरीके से चुनाव को संपन्न करायें और अपने पदीय दायित्वों को ईमानदारी व निष्पक्षता से निभायें परन्तु ऐसे पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी जिन्होंने अपने दायित्वों का निष्पक्ष निर्वहन नहीं करते हुए चुनावो को भाजपा के पक्ष में प्रभावित करने का कारी किया है ,उनकी संपूर्ण गतिविधियां रिकॉर्डेड है और इसके लिए वे उत्तरदायी होंगे। उन्होंने कहा कि जो पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी राजनैतिक संरक्षण में अपने दायित्वों का निष्पक्षता व ईमानदारी से निर्वहन नहीं कर रहे है वे यह जान लें कि कोई भी राजनैतिक संरक्षण कभी स्थायी नहीं होता है।10 तारीख़ के बाद जनता के सामने यह सब प्रमाण रखा जायेगा।