पीसीसी चीफ में उलझी कांग्रेस, बीजेपी ‘फ्लोर मैनेजमेंट’ में जुटी

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भोपाल। विधानसभा का मानसून सत्र अगले हफ्ते सोमवार से शुरू होने जा रहा है। जिसको लेकर भाजपा जहां सरकार की घेराबंदी से लेकर फ्लोर मैनेजमेंट में जुट गई है, वहीं कांग्रेस में अभी नए पीसीसी चीफ के इंतजार में है। संगठन स्तर पर कांग्रेस में फ्लोर मैनेजमेंट की कोई तैयारी नहीं है। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय में सन्नाटे के हालात हैं। यह स्थिति तब है जब विपक्ष फ्लोट टेस्ट की मांग कर चुका है। 

नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने भाजपा विधायक दल की बैठक 8 जुलाई को प्रदेश कार्यालय में बुलाई है। इससे पहले नेता प्रतिपक्ष की ओर से सभी विधायकों को संदेश भिजवाया है कि सत्र के दौरान सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। साथ ही जनहित के मुद्दे पर सरकार की घेराबंदी के लिए पूरी तैयारी के साथ आएं। वहीं भाजपा संगठन स्तर पर भी सत्र को लेकर जमावट की जा रही है। विपक्ष सत्र के दौरान सरकार से फ्लोर टेस्ट की मांग करेगा या नहीं यह विधायक दल की बैठक के बाद तय होगा। हालांकि इस बैठक में प्रदेश प्रभारी विनय सहस्त्रबुद्धे से लेकर केंद्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, प्रदेशाध्यक्ष राकेश सिंह, संगठन महामंत्री सुहास भगत समेत अन्य नेता भी शामिल हो सकते हैं। यहां बता दें कि मानसून सत्र को लेकर भाजपा जहां हर स्तर पर तैयारी में जुट गई है, वहीं कांग्रेस में संगठन स्तर पर सन्नाटा पसरा हुआ है। फ्लोर मैनेजमेंट को लेकर कांग्रेस मेें अभी तक कोई तैयारी नहीं है। पिछले कुछ दिनों से पार्टी नेताओं ने ही पीसीसी से दूरी बना ली है। मप्र कांग्रेस नए पीसीसी अध्यक्ष को लेकर हाईकमान के फैसले के इंतजार में है। 


इन मुद्दों पर घिरेगी सरकार 

विपक्ष सरकार को जनहित के मुद्दों पर घेरने की रणनीति बना रहा है। जिसमें बिजली कटौती और किसानों की कर्जमाफी प्रमुख मुद्दा होगा। प्रदेश में बिजली कटौती को लेकर विरोध की स्थिति सामने आने लगी है, ऐसे में भाजपा इसे सदन में मुद्दा बनाकर सरकार की घेराबंदी करेगी। साथ ही ऐसी योजनाएं जिन्हें सरकार बंद करने जा रही है, उन्हें भी मुद्दा बनाया जाएगा। भाजपा सूत्रों ने बताया कि विपक्ष किसानों की कर्जमाफी को लेकर किसानों के साथ बड़ा प्रदर्शन भी कर सकती है। कानून-व्यवस्था पर भी सरकार की घेराबंदी होगी। 


तबादलों में जुटे मंत्री-विधायक

प्रदेश में तबादलों की समय-सीमा 5 जुलाई को खत्म हो रही है। ऐसे में मंत्री एवं कांगे्रस के विधायक तबादलों में जुटे हैं। मुख्यमंत्री सचिवालय से जुड़े सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस विधायक बैकडेट में मुख्यमंत्री से तबादलों की सिफारिश कर रहे हैं। इससे का लेकर मुख्यमंत्री सचिवालय परेशान है कि विधायकों की सिफारिशों पर अमल कैसे कराएं। क्योंकि ज्यादातर विभाग तबादला सूची तैयार कर चुके हैं और जारी कर रहे हैं। प्रभारी मंत्री इन दिनों जिलों के प्रवास पर हैं, वे वहां तबादला सूचियों का अनुमोदन करने में जुटे हैं। कांग्रेस संगठन के पदाधिकारी भी तबादलों के सिफारिश लेकर मंत्री और मंत्रालय पहुंच रहे हैं। 


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