भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार (Shivraj Government) ने केंद्र की मोदी सरकार से 2000 करोड़ रुपए की राहत राशि की मांग की है। यह पैकेज ग्वालियर चंबल में बाढ़ (MP Flood) से हुए भारी नुकसान के लिए मांगा गया है।इसके लिए राज्य सरकार द्वारा एक फाइनल रिपोर्ट बनाकर केंद्र को भेज दी गई है।उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही केंद्र सरकार (Modi Government) द्वारा राहत दी जाएगी।
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दरअसल, राज्य सरकार ने केंद्र को ग्वालियर चंबल बाढ़ (gwalior chambal flood) से हुए नुकसान का आकलन कर मुआवजा व राहत राशि के लिए एक फाइनल प्रस्ताव कर गुरुवार को भेज दिया जिसमें तहत मध्यप्रदेश सरकार ने केंद्र से 2043.19 करोड़ रुपए की मांग की है।इसमें राहत और बचाव कार्य पर 10 करोड़ रुपए से अधिक, राहत शिविर, खाने की सामग्री, कपड़े और दवाओं पर एक करोड़ 63 लाख रुपए खर्च, सिंचाई प्रोजेक्ट में 587.34 करोड़, 228.85 किमी ग्रामीण रोड में 46.18 करोड़ और 278 ग्रामीण पुल-पुलिया में 35.01करोड़ समेत अन्य नुकसानों का भी जिक्र किया है।
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इसके अलावा शिवराज सरकार ने रिपोर्ट में सोयाबीन, मक्का, मूंग, धान, बाजरा और मूंगफली की फसल खराब होने से किसानों को 577 करोड़ रुपए का नुकसान भी बताया गया है। इसके साथ ही राज्य आपदा राहत कोष की लंबित 728 करोड़ रुपए की दूसरी किस्त की राशि जारी करने का अनुरोध भी किया है। वही अन्य खर्चों का हिसाब बताकर करीब 2000 करोड़ की मांग की है।
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बता दे कि हाल ही में मध्य प्रदेश में हुई मानसूनी बारिश से ग्वालियर-चंबल संभागों में बाढ़ आ गई थी और श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना और अशोकनगर के अलावा विदिशा में बाढ़ से फसलों, बिजली और घरों को भारी नुकसान पहुंचा है।हालांकि राज्य सरकार ने अपने स्तर पर प्रभावित परिवारों को आवास की वैकल्पिक व्यवस्था के लिए 6-6 हजार रुपए और प्रधानमंत्री आवास योजना (PM’s Housing Scheme) के प्रावधानों के अनुसार आवास बनाने के लिए 1.20 लाख रुपए देने का ऐलान भी किया है।