भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। नगर निकाय चुनाव (urban body election) से पहले एक बार फिर से दल बदल की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अपनी राजनीति करियर को दिशा देने के लिए नेता एक पार्टी से दूसरी पार्टी की तरफ रुख कर रहे हैं। इसी बीच हिंदू महासभा के नेता बाबूलाल चौरसिया (babulal chaurasia) ने कांग्रेस (congress) का हाथ थाम लिया है। बता दें कि इससे पहले बाबूलाल चौरसिया ने गॉडसे (godse) के मंदिर बनाने की मांग की थी।
दरअसल नगरीय निकाय चुनाव से पहले ही बाबूलाल चौरसिया ने यू-टर्न ले लिया है। ग्वालियर के वार्ड नंबर 44 से हिंदू महासभा की टिकट पर पार्षद बने बाबूलाल चौरसिया ने अब कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण की है। बुधवार को पीसीसी चीफ कमलनाथ (kamalnath) ने उन्हें कांग्रेस की सदस्यता दिलवाई।
वही सदस्यता ग्रहण करने के बाद बाबूलाल चौरसिया ने कहा कि कांग्रेस उनकी पार्टी है और वह कांग्रेस से युवा वर्ग को जोड़ने की पूरी कोशिश करेंगे। बता दें कि बाबूलाल चौरसिया की सदस्यता के दौरान कांग्रेस विधायक प्रवीण पाठक (praveen pathak) भी मौजूद रहें।
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बता दें कि इससे पहले बाबूलाल चौरसिया कांग्रेस के ही सदस्य थे लेकिन पीछले नगरीय निकाय चुनाव में वार्ड 44 से कांग्रेस ने बाबूलाल चौरसिया की जगह कांग्रेस नेता शम्मी शर्मा को टिकट दिया था। जिसके बाद बाबूलाल चौरसिया ने कांग्रेस का हाथ छोड़ हिंदू महासभा की सदस्यता ली थी और हिंदू महासभा की टिकट पर ही पार्षद चुने गए थे।
गौरतलब हो कि हिंदू महासभा की सदस्यता ग्रहण करने के बाद बाबूलाल चौरसिया ने महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के मंदिर बनाने की मांग की थी। वहीं कांग्रेस पार्टी हमेशा से गोडसे नाम से गुरेज करती आई है। अब ऐसी स्थिति में नगर निकाय से पूर्व एक गोडसे भक्त की पार्टी में वापसी कई तरह के सवाल खड़े कर रही है।