राज्य सरकार की बड़ी तैयारी, जल्द कैबिनेट में आएगा यह प्रस्ताव, मिलेगा उच्च पद, इन कर्मचारियों को होगा लाभ, जानें अपडेट

Pooja Khodani
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MP Employees Promotion 2023 : मध्य प्रदेश के लोक निर्माण विभाग के कर्मचारियों के लिए अच्छी खबर है, प्रदेश की शिवराज सरकार की पदोन्नति को लेकर बड़ी तैयारी है। खबर है कि लोक निर्माण विभाग में इंजीनियरों को उच्च पद का प्रभार दिया जाएगा, इसमें वेतनमान के अनुसार उच्च पद मिलेगा।हालांकि इसमें कुछ नियम और शर्तें भी रहेंगी। इसके लिए विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर लिया है, जिसे जल्द कैबिनेट में पेश किया जाएगा।

कैबिनेट में आ सकता है ये प्रस्ताव

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आगामी चुनावों से पहले पदोन्नति ना मिलने से नाराज कर्मचारियों को मनाने के लिए राज्य सरकार ने बड़ी तैयारी की है, इसके तहत गृह और जेल विभाग के बाद अब लोक निर्माण विभाग में इंजीनियरों को वेतनमान के अनुसार उच्च पद दिए जाएंगे।इसका एक प्रस्ताव तैयार करके विभाग ने कैबिनेट निर्णय के लिए भेजा है, संभावना है कि अगली कैबिनेट बैठक में इस पर फैसला हो सकता है। वही अनुमति मिलने पर सभी निर्माण विभागों में लागू कर दिया जाएगा।

इस तरह मिलेगा उच्च पद का लाभ

मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो सामान्य प्रशासन विभाग के निर्देश के बाद ही अब लोक निर्माण विभाग ने इंजीनियरों को वेतनमान के आधार पर उच्च पद देने की तैयारी है, इसमें सहायक अभियंता के तौर पर 6 साल की सेवा पूरी होने पर कार्यपालन यंत्री और कार्यपालन यंत्री पद पर 5 साल की सेवा पर अधीक्षण यंत्री और अधीक्षण यंत्री पद पर भी 5 साल की सेवा पर मुख्य अभियंता पदनाम मिल जाएगा। हालांकि, इसके लिए सेवा अभिलेख देखा जाएगा। यदि कोई जांच प्रचलन में होगी तो इस व्यवस्था का लाभ नहीं मिलेगा।

ये है पूरा मामला

दरअसल, मध्य प्रदेश में पिछले 6 साल यानि 2016 से कर्मचारियों की पदोन्नति में आरक्षण का मामला लंबित है।इस अवधि में 70000 से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं और करीब 36000 को पदोन्नति नहीं मिली है, ऐसे में कर्मचारियों में नाराजगी बढ़ती जा रही है। बीते दिनों अनुसूचित जाति-जनजाति वर्ग अधिकारी-कर्मचारी संगठन (अजाक्स) ने भोपाल में प्रदेशव्यापी प्रदर्शन कर पदोन्नति की प्रक्रिया शुरू करने की मांग भी की थी। वही सामान्य प्रशासन विभाग ने सभी विभागों को निर्देश दिए थे कि जब तक नए नियम नहीं बन जाते हैं तब तक उच्च पदों का प्रभार दिया जा सकता है। इसके आधार पर गृह और जेल विभाग ने प्रभार देने की व्यवस्था लागू कर दी है, और अब लो निर्माण विभाग में यह लागू करने की तैयारी है।

नए नियम पर भी फैसला होना बाकी

इधर, सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद पदोन्नति की प्रक्रिया फिर से शुरू करने के लिए शिवराज सरकार नया नियम बनाने की तैयारी है। इसको लेकर हाल ही में गृह मंत्री डा. नरोत्तम मिश्रा की अध्यक्षता में गठित समिति ने सभी प्रभावित पक्षों के साथ बैठक करके प्रारूप तैयार किया था, जिसे सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्यमंत्री कार्यालय भेजा था, लेकिन इसमें कुछ संशोधन के लिए कहा गया, इसके बाद समिति ने बैठक में चर्चा कर फिर विभाग को प्रस्ताव भेजा, जिसे दोबारा से मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा गया है, जिस पर निर्णय होना बाकी है। अगर सहमति बनती है तो इसे भी कैबिनेट बैठक में रखा जा सकता है। इससे करीब 3 लाख से ज्यादा कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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