भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। आगामी मानसून को देखते हुए राज्य सरकार ने बड़ी तैयारी कर ली है। अतिवर्षा एवं बाढ़ नियंत्रण के लिए सभी जिलों में कमांड कंट्रोल सेन्टर बनाए गए है।इसमें जनहानि, पशुहानि, फसल क्षति, मकान क्षति की जानकारी राहत आयुक्त कार्यालय में reliefcom@mp.nic.in पर प्रेषित की जा सकती हैं।
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राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने बताया कि प्रदेश में अतिवर्षा एवं बाढ़ से संभावित नुकसान को रोकने के लिए मानसून के सक्रिय होते ही प्रदेश के समस्त जिलों में स्थित कंट्रोल रूम अपना कार्य प्रारंभ कर देंगे। मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस ने सोमवार को मंत्रालय में अधिकारियों के साथ बाढ़ एवं अतिवृष्टि से होने वाले नुकसान की रोकथाम की व्यवस्थाओं की समीक्षा की।
राजस्व मंत्री ने बताया कि जिला स्तर पर डिस्ट्रिक्ट कमांड एंड कंट्रोल सेंटर 24 घंटे कार्यरत रहेंगे, जो बाढ़ की स्थिति से मंत्रालय स्थित सिचुएशन रूम तथा भोपाल में सेना के सब एरिया कमांडर को देंगे। कंट्रोल रूम में तैनात कर्मचारी के पास बाढ़ और वर्षा की अद्यतन जानकारी उपलब्ध रहेगी। ऐसे क्षेत्र जहाँ अक्सर बाढ़ का प्रकोप रहता है, वहाँ के रहवासियों को उचित स्थान पर ठहराने, भोजन आदि की व्यवस्था, बचाव उपकरण, मोटर वोट्स आदि की दुरूस्ती, बाढ़ की स्थिति में पुलिस बल, होमगार्डस और आवश्यकता पड़ने पर सेना की मदद संभागीय आयुक्त से चर्चा कर ली जाएगी।
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मंत्री राजपूत ने बताया कि बाढ़ की स्थिति रहने तक स्थानीय लोगों को संचार माध्यमों से अवगत कराने बड़ी नदियों के जल-स्तर एवं जलाशयों से नियंत्रित जल निकासी का ध्यान रखा जाए। कोरोना गाईड लाइन के दृष्टिगत बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में कोरोना पीड़ितों को क्वारेन्टाइन/आइसोलेशन सुविधा सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट कराने, सोशल डिस्टेंसिंग, मास्क एवं आवश्यक दवाईयाँ उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाएगी। इसके लिए नए राहत शिविरों का निर्माण, शिविरों में नियमित जाँच आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी, जिससे बाढ़ एवं कोरोना दोनों से एक साथ आमजन को सुरक्षित रखा जा सके।