MP Government Update : मध्य प्रदेश के विधायकों के लिए अच्छी खबर है। विधायकों का स्वेच्छानुदान बढ़ाने के बाद अब 7 सालों बाद उनके वेतन-भत्ते में भी वृद्धि की जा सकती है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके लिए मप्र विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री की बैठक प्रस्तावित है, जिसमें इसमें अंतिम निर्णय लिया जा सकता है। अगर सहमति बनती है तो बजट सत्र के दौरान इसकी घोषणा की जा सकती है, इससे विधायकों को बड़ा लाभ मिलेगा। बता दे कि हाल ही में दिल्ली सरकार ने मंत्रियों और विधायकों के वेतन भत्तों में बढ़ोत्तरी की है।
दरअसल, हाल ही में मध्य प्रदेश के विधायकों का स्वेच्छानुदान 25 लाख रुपये बढ़ाया गया था। विधायक स्वेच्छानुदान की राशि 50 लाख से बढ़ाकर 75 लाख करने की गई थी और अब खबर आ रही है कि 7 सालों बाद विधायकों के वेतन-भत्ते में वृद्धि की जा सकती है। खबर है कि मुख्यमंत्री कार्यालय वेतन-भत्ते में वृद्धि की तैयारी कर रहा है, हालांकि इसको लेकर अधिकारिक पुष्टि नहीं की गई है। इधर, एमपी के भाजपा और कांग्रेस के विधायक भी राज्य सरकार से वेतन-भत्तों को बढ़ाने की मांग कर चुके है, ऐसे में माना जा रहा है कि जल्द इस पर कोई बड़ा फैसला लिया जा सकता है। वर्तमान में प्रदेश में विधायकों को 1लाख 10 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन-भत्ता मिलता है।
वेतन-भत्तों और पेंशन पर हो सकता है फैसला
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो एमपी के विधायकों के स्वेच्छानुदान में वृद्धि की घोषणा के बाद अब उनके वेतन भत्तों में भी बढ़ोत्तरी का ऐलान हो सकता है।इसके लिए मप्र विधानसभा अध्यक्ष गिरीश गाैतम ने भाजपा के वरिष्ठ विधायक केदारनाथ शुक्ला की अध्यक्षता में समिति भी बनाई गई है, जिसकी प्रारंभिक बैठक भी हो चुकी है ।वही एमपी विधानसभा अध्यक्ष, नेता प्रतिपक्ष और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की एक और बैठक भी प्रस्तावित है, जिसमें विधायकों के वेतन को लेकर कोई बड़ा फैसला हो सकता है।वही भूतपूर्व विधायकों की पेंशन सहित अन्य सुविधाओं में भी वृद्धि प्रस्तावित है।विधानसभा के पूर्व अध्यक्षों को छत्तीसगढ़ की तरह पूर्व मुख्यमंत्रियों को दी जाने वाली सुविधा दिया जाना प्रस्तावित हैं।यदि सहमति बनती है तो पूर्व अध्यक्षों को कैबिनेट मंत्री की तरह सुविधाएं मिलने लगेगी।
दिल्ली के मंत्री-विधायकों की बढ़ी सैलरी
हाल ही में दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने विधायकों के वेतन में 66 फीसदी और मंत्रियों के वेतन में 136 फीसदी की वृद्धि की है, जिसके बाद विधायकों का वेतन 54,000 रुपये से 66.66 फीसदी बढ़ाकर 90,000 रुपये कर किया गया है, वही मंत्रियों को अब तक 72,000 रुपये मिला करते थे, जिसमें 136.11 फीसदी की बढ़ोतरी कर वेतन को 1,70,000 रुपये कर दिया गया है। वही मुख्यमंत्री, विधानसभा अध्यक्ष व उपाध्यक्ष, मुख्य सचेतक और नेता प्रतिपक्ष का वेतन एवं भत्ता भी बढ़ा है।