बच्चों के लिए MP सबसे असुरक्षित, इंदौर में बढ़े महिला अपराध, NCRB की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

Kashish Trivedi
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) ने अपनी ताजा रिपोर्ट (report) में कहा है कि 2019 की तुलना में साल 2020 में शहरों में महिलाओं (woman) के खिलाफ अपराध में 21.1 फीसदी की गिरावट आई है। आंकड़ों के अनुसार, पिछले साल महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 35,331 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 2019 में मामलों की संख्या 44,783 थी, जो 21.1 प्रतिशत की कमी को दर्शाता है।

दरअसल बच्चों की सुरक्षा के लिए मध्यप्रदेश (MP) सबसे असुरक्षित राज्य घोषित किया गया है। 2020 की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मध्य प्रदेश में 17000 बच्चे क्राइम के शिकार हुए हैं। मतलब हर दिन करीबन 46 बच्चे गंभीर अपराध के शिकार हो रहे हैं।

यह भी खुलासा किया कि महिलाओं के खिलाफ अपराध के अधिकांश मामले ‘पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता’ के तहत 30.2 प्रतिशत दर्ज किए गए थे, उसके बाद महिलाओं पर हमला उनकी शील भंग करने के इरादे से – 19.7 प्रतिशत, अपहरण – 19.0 प्रतिशत और ‘बलात्कार’- 7.2 प्रतिशत के तहत दर्ज किए गए थे।

दिल्ली में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की संख्या में पिछले साल 24.18 फीसदी की गिरावट आई है। 2020 में दर्ज किए गए मामलों की कुल संख्या 9,782 थी। मुंबई ने महिलाओं के खिलाफ अपराध में भी कमी दर्ज की है क्योंकि पिछले साल 2019 में 6,519 मामलों की तुलना में 2020 में 4,583 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि जयपुर में इसी अवधि के दौरान 2,369 मामले दर्ज किए गए थे।

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बेंगलुरु में 2019 में 3,486 जबकि 2020 में 2,730 मामले दर्ज किए गए, वहीँ हैदराबाद ने इसी अवधि में 2,390 मामले दर्ज किए। लगभग सभी शहरों में घटती दर के बावजूद कोलकाता और लखनऊ में महिलाओं के खिलाफ अपराध में 5 और 8 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई। 2020 में, कोलकाता ने 2019 में 1,474 से अधिक जबकि 2020 में 2,001 मामले दर्ज किए, जबकि लखनऊ में 2019 में 2,425 के मुकाबले 2020 में 2,636 मामले दर्ज किए गए।

2020 में धारा 304 बी (आईपीसी) के तहत दहेज हत्या के मामलों के तहत, कुल 358 मामले दर्ज किए गए, जबकि दिल्ली में सबसे अधिक 109 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद लखनऊ में 48 मामले दर्ज किए गए, जबकि कानपुर और जयपुर में क्रमशः 30 और 26 मामले दर्ज किए गए।

2020 में शहरों में धारा 498 ए (आईपीसी) के तहत पति या उसके रिश्तेदारों द्वारा क्रूरता के कुल 10,733 मामले दर्ज किए गए और दिल्ली में 2,570 मामलों के साथ सबसे अधिक संख्या दर्ज की गई, इसके बाद हैदराबाद में 1,226 और जयपुर में 1,043 मामले दर्ज किए गए।

2020 में, धारा 336 (IPC) के तहत शहरों में 5,599 महिलाएं अपहरण और अपहरण की शिकार हुईं, जबकि दिल्ली में 2,637 मामले दर्ज किए गए, इसके बाद बंगलुरु में 484 मामले और इंदौर में 335 मामले दर्ज किए गए।


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