MP News : बीजेपी विधायक ने फिर उठाई अलग विंध्य प्रदेश बनाने की मांग, बाबा रामदेव से मांगा समर्थन

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BJP MLA raised demand for separate Vindhya Pradesh : बीजेपी विधायक नारायण त्रिपाठी ने एक बार फिर अलग विंध्य प्रदेश का मुद्दा छेड़ दिया है। उन्होने योग गुरू बाबा रामदेव को एक पत्र लिखा है। इसमें सिंध एवं पाक अधिकृत कश्मीर को भारत में शामिल करने वाले उनके बयान का पक्ष लेते हुए विंध्य प्रदेश के लिए उनका समर्थन मांगा है। बता दें कि मैहर विधायक इससे पहले भी पार्टी लाइन से हटकर पृथक विंध्य प्रदेश की मांग को लेकर मुहिम चला चुके हैं और एक बार फिर उन्होने ये मुद्दा उठाया है।

फिर उठाया अलग विंध्य प्रदेश का मुद्दा

चुनावी साल में बीजेपी के सामने जो बड़ी मुश्किलें हैं उनमें एक तरफ दलबदल के बाद आए नए लोगों को वरीयता दिए जाने से नाराज अपने पुराने नेता-कार्यकर्ताओं की नाराजगी दूर करना है, वहीं ऐसे लोगों को नियंत्रित करना भी एक चुनौती है जो बार बार पार्टी से हटकर बात करने लगते हैं। एक तरफ वरिष्ठ नेता उमा भारती नशामुक्ति सहित कई मुद्दों को लेकर लगातार अपना अलग पक्ष रखती आई हैं, वहीं मैहर विधायक भी पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी करते रहे हैं। वो अपनी बागी तेवर के लिए जाने जाते हैं और अक्सर इन्हीं कारण से चर्चाओं में रहते हैं। एक बार फिर उन्होने अलग विंध्य प्रदेश की मांग उठाई है और इस बार बाबा रामदेव का समर्थन मांगा है। इसे लेकर उन्होने योग गुरू को एक चिट्ठी भी लिखी है। इसमें उन्होने बाबा रामदेव को विंध्य क्षेत्र में आने का न्योता भी दिया है।

बीजेपी विधायक का पत्र

इस पत्र में उन्होने लिखा है ‘आग्रह है कि आपके भरसक प्रयास से देश सहित संपूर्ण दुनिया में भारतीय योगविद्या को अपनाकर करोड़ों लोगों ने सेहतमंद स्वास्थ्य पाया है। जिसके लिए संपूर्ण देशवासी आपको नमन करते हैं। वर्तमान में आपके द्वारा दिया गया बयान ‘सिंध समेत पाक अधिकृत कश्मीर को भारत में शामिल करना चाहिए‘ का मैं भरपूर समर्थन करता हूं। मैंने भी पूर्व में कई बार सार्वजनिक रूप से कहा है कि राष्ट्रगान ‘जन गण मन‘ को संविधान सभा ने जनवरी 1950 में लागू किया था। इसकी पंक्तियों में ‘पंजाब, सिंध, गुजरात, मराठा, द्राविड़ उत्कल बंग, विंध्य, हिमाचल, यमुना, गंगा उच्छल, जलधि तरंग‘ अर्थात् सिंध का अस्तित्व विभाजन उपरांत भी संविधान सभा ने भारत का गौरव माना था, इस अवधि में देश में विंध्य प्रदेश सहित अन्य वर्णित क्षेत्र भी अस्तित्व में थे। संविधान सभा के समस्त सदस्यों द्वारा यह माना गया था कि भविष्य में सिंध का विलय पाक अधिकृत कश्मीर सहित भारत में संभव होगा। जिसकी कल्पना साकार करने का भाव आप जैसे देश के प्रतिष्ठित योगऋषि भी रखते हैं। निस्संदेह संविधान सभा सहित देशवासियों की भावना का सम्मान करते हुए देश के यशस्वी प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेन्द्र मोदी जी को इस विषय पर गंभीरता पूर्वक विचार करना चाहिए क्योंकि आज इस भूभाग को पड़ोसी देश खुशहाल नहीं बना सकता है।’

‘विंध्य प्रदेश का छलपूर्वक विलय सन् 1956 में कर दिया गया था। यह भूभाग महर्षि अत्रि, अगस्त्य, दत्तात्रेय, बाल्मीकि सहित वनवासी प्रभु श्रीराम की तपोस्थली भी रहा है। वैदिक काल से महत्वपूर्ण इस क्षेत्र को स्वतंत्रता प्राप्ति के उपरांत सरदार वल्लभ भाई पटेल एवं महात्मा गांधी की इच्छानुरूप सेन्ट्रल इंडिया एजेंसी ने राज्य के रूप में स्वीकार किया था। सन् 1948 में इसका गठन भी किया गया था। किंतु राष्ट्रगान में अब सिंध एवं विंध्य का अस्तित्व विलोपित है, जिसके कारण राष्ट्रगान अधूरा है। प्रधानमंत्री माननीय श्री नरेंद्र मोदी जी ने ‘आत्मनिर्भर-भारत‘ की संकल्पना प्रस्तुत की है, जिसे भारतरत्न अटलजी के ‘छोटे राज्यों के गठन से तीव्र विकास होता है‘ के सिद्धांत द्वारा पोषित किया जा सकता है। अतः संविधान सभा द्वारा मान्य राष्ट्रगान को पूर्णता प्रदान करने हेतु ‘विंध्य प्रदेश का पुनर्गठन‘ एवं ‘सिंध समेत पाक अधिकृत कश्मीर‘ का भारत में विलय सर्वथा उचित एवं संवैधानिक होगा।’

‘अतः आपसे निवेदन है कि संविधान सभा की मंशानुरूप सिंध समेत पाक अधिकृत कश्मीर का भारत में विलय तथा विंध्य प्रदेश पुनर्गठन हेतु भी अपना समर्थन प्रदान करें, जिससे राष्ट्रगान को पूर्णता प्राप्त हो सके एवं इस हेतु भारत सरकार से आपका आग्रह भी वांछनीय है। मैं विन्ध्य प्रदेश के पुनर्निमाण के समर्थन हेतु विन्ध्य धरा पर आपको सादर आमंत्रित भी करता हूॅं। कृपया हमारे अभियान का समर्थन करने हेतु विन्ध्य धरा पर कृपापूर्वक पधारने की कृपा करें।’

MP News : बीजेपी विधायक ने फिर उठाई अलग विंध्य प्रदेश बनाने की मांग, बाबा रामदेव से मांगा समर्थन


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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