Madhya Pradesh Police Recruitment : भोपाल में शुक्रवार को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने ‘नवनियुक्त आरक्षकों को नियुक्ति प्रमाण-पत्र वितरण एवं उन्मुखीकरण कार्यक्रम’ में नवनियुक्त आरक्षकों को नियुक्ति प्रमाण पत्र भेंट किए। इस अवसर पर गृहमंत्री डॉ. नरोत्तम मिश्रा और महापौर मालती राय जी उपस्थित रहीं। सीएम ने कहा कि ‘अपनी मेहनत, लगन, प्रतिभा से नियुक्त होने पर आप सभी नव आरक्षकों को मैं हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देता हूं। यह सिर्फ नौकरी नहीं है, देश की रक्षा, जन सेवा का संकल्प है। जब आवश्यकता हुई पुलिस बल ने सर्वोच्च बलिदान दिया है। मध्यप्रदेश पुलिस का इतिहास शौर्य और पराक्रम से गौरवान्वित है।’
सीएम ने कहा ‘हमारी पूंजी है हमारा चरित्र’
सीएम ने कहा कि ‘कबायली हमला हो या गोवा मुक्ति का संघर्ष हो या नागालैंड, मध्यप्रदेश पुलिस ने अपना कर्तव्य निर्वहन कर देश की सेवा की है। मध्यप्रदेश पुलिस ने राज्य में सिमी आतंकी का नेटवर्क हो या बीहड़ के जंगल में डकैतों का आतंक या फिर नक्सलियों का आतंक, मध्यप्रदेश पुलिस ने इन सभी को ध्वस्त किया है, प्रभावी अंकुश लगाया है। नवआरक्षक यह याद रखें कि यह वर्दी देश की रक्षा के लिए है, समाज की सुरक्षा के लिए है, अपराधियों पर कहर बनकर टूट पड़ने के लिए है, सज्जनों के उद्धार और दुर्जनों पर अंकुश के लिए है। आरक्षक पुलिस बल का नींव है, आधार है। अतिशयोक्ति न होगी कहना कि आरक्षक पुलिस बल की आंख और कान है। वरिष्ठ अधिकारी पुलिस बल का नेतृत्व करते हैं, लेकिन क्षेत्र की सुरक्षा का जिम्मा पहले आरक्षक पर ही होता है। मध्यप्रदेश पुलिस ने कर्तव्य पथ पर चलते हुए राष्ट्रीय दायित्व का निर्वहन किया। हमारे जवानों ने एक साल में लगभग ₹1 करोड़ 14 लाख के डकैती नक्सलियों को मार गिराया। मध्यप्रदेश पुलिस का अर्थ है सज्जनों के लिए फूल से ज्यादा कोमल, लेकिन दुर्जनों के लिए वज्र से ज्यादा कठोर। “हमारी पूंजी है हमारा चरित्र” है। कई तरह के लोग हमारे आसपास आने का प्रयास करेंगे। जुए- सट्टे वाले अवैध शराब का धंधा करने वाले, गुंडे मवाली, बदमाश ये सबसे पहले कोशिश करते हैं कि अगर हमारी दोस्ती इधर हो जाए तो हमारा काम आसान हो जाएगा। मैं साफ-साफ कह रहा हूं, ऐसे लोगों से सावधान रहना, ये अपना जाल फैलाने का प्रयास करते हैं।काले धंधे इनके चलते रहे इसलिए यह अपने संबंध हर जगह बनाने की कोशिश करते हैं। ऐसे लोगों से हमको सावधान रहने की कोशिश करनी है।’
‘भारत मां के दूध की लाज रखना’
उन्होने कहा ‘पुलिस बल से जिम्मेदार आम नागरिकों को ज्यादा उम्मीदें होती है, उनकी रक्षा हमारा कर्तव्य है। संवेदनशीलता, वीरता, देशभक्ति और अनुशासन ही मध्यप्रदेश पुलिस की पूँजी है जिसने मध्यप्रदेश पुलिस का स्थान बनाया है। इसे कभी बिगड़ने मत देना। वर्दी की मर्यादाओं को कभी भूलना मत। कर्तव्य निर्वहन के साथ नैतिक दायित्व की पूर्ति के लिए मध्यप्रदेश पुलिस ने प्रतिमान स्थापित किए। कोरोना काल में जब चारों तरफ मौत का भय था, मध्यप्रदेश पुलिस के जवान पीपीई किट में लॉकडाउन पालन कराने के साथ जनसेवा कर रहे थे। पुलिस की वर्दी कोई साधारण वर्दी नहीं है। यह वर्दी देश तथा प्रदेश की सुरक्षा की है, यह वर्दी अपराधियों को नेस्तनाबूद करने के लिए है। यह वर्दी निर्बलों को ताकत देने के लिए है। यह वर्दी सज्जनों का उद्धार करने के लिए है। निष्पक्षता, ईमानदारी, प्रमाणिकता साख बनती है। नव आरक्षक ईमानदारी के साथ कर्तव्य का निर्वहन करें, तभी पुलिस बल की उच्चतम साख स्थापित होती है। मध्यप्रदेश की शांति और सुरक्षा के लिए कर्तव्य पथ पर सरकार हर कदम आपके साथ है। सब सम्मान करते हैं, यदि हम अपना कार्य प्रमाणिकता से करते हैं। कई एसपी, पुलिस कॉन्स्टेबल, हेड कॉन्स्टेबल, एसआई, एएसआई के लोग उदाहरण देते हैं। मैं चाहता हूं कि आपके नाम का उदाहरण लोग दें कि पुलिस वाला हो, तो ऐसा हो।’