भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (MP) के पैरा मेडिकल छात्रों (Para Medical Students) के लिए खुशखबरी है। पैरामेडिकल शिक्षण कार्य के लिये कक्षाएँ फिर से शुरू होने जा रही है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग (Medical Education Minister Vishwas Sarang) ने इस संबंध में निर्देश दिए है। इसके अलावा सारंग ने पैरामेडिकल शिक्षा (Education) में रोजगार (Employment) को बढ़ावा देने के लिए मध्यप्रदेश-सह-चिकित्सीय परिषद द्वारा नए रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रम शुरू करने को भी कहा।इसके अलावा एक वर्षीय पाठ्यक्रमों का संचालन करने के लिये निर्देशित किया गया।
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दरअसल, आज मध्यप्रदेश सह चिकित्सीय परिषद की बैठक में चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि सह-चिकित्सीय पाठ्यक्रमों का संचालन करने वाली संस्थाओं के लिये पैरामेडिकल पाठ्यक्रम (Paramedical course) के व्यावहारिक और प्रायोगिक प्रशिक्षण के मद्देनजर पैरामेडिकल शिक्षण कार्य फिर शुरू करने के निर्देश दिये। इतना ही नहीं सारंग के निर्देश के परिपालन में परिषद कार्यालय द्वारा विभिन्न नये स्नातकोत्तर, स्नातक एवं डिप्लोमा पैरा-मेडिकल पाठ्यक्रम शुरू करने का प्रशासकीय अनुमोदन किया गया है। इसमें M.P.T. in Geriatrice, M.O.T. in Pediatrics, Diploma in PFT Technician और Bachelor in Respiratory Therapist पाठ्यक्रमों का परिषद स्तर से संचालन किया जायेगा।
बता दे कि प्रदेश में रहने वालों की सुविधा एवं सुलभता को देखते हुए मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) के मूल निवासी, जो कि पैरा मेडिकल शिक्षा प्राप्त किये जाने के लिये अन्य प्रदेशों में अध्ययनरत हैं, ऐसे छात्रों का मध्यप्रदेश पैरा मेडिकल कौंसिल में पंजीयन करने के लिये प्रक्रिया को और अधिक सरलता प्रदान करने के दृष्टिकोण से मंत्री विश्वास सारंग ने छात्रों (Student) का पंजीयन (Registration) उनके द्वारा उपलब्ध दस्तावेजों का प्रथमत: सत्यापन/पुष्टि के बाद करने के निर्देश दिये, जिससे कि पैरा-मेडिकल कर्मियों को प्रदेश में ही रोजगार मिल सके।
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सारंग ने प्रदेश के निजी क्षेत्र में स्थापित पैरा मेडिकल संस्थाओं (Para Medical Institutions) के भौतिक निरीक्षण के लिये एक उच्च-स्तरीय निरीक्षणकर्ताओं का पैनल तैयार करने के लिये निर्देशित किया। इसमें सेवानिवृत्त अधिकारी (Retired Officer), जिला स्तर के प्रशासनिक अधिकारी (Administration Officer) एवं संस्था में संचालित विषयों के संबंधित शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय (Government Medical College) के विषय-विशेषज्ञ शामिल किये जायें। संस्था के निरीक्षण के लिये एक ऑनलाइन प्रोग्राम विकसित कर उक्त टीम अनुसार आकस्मिक चयन कर निरीक्षण समिति गठित कर संस्था का निरीक्षण करवाया जाये।