MP Police: राज्य पुलिस सेवा के ये अधिकारी जल्द बनेंगे IPS, प्रस्ताव हो रहा है तैयार

Pooja Khodani
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश को जल्द 11 नए आईपीएस अफसर (IPS) मिल सकते है। खबर है कि राज्य पुलिस सेवा के 11 अधिकारियों को प्रमोट कर आईपीएस बनाया जा सकता है।सुत्रों की मानें तो इसके लिए पुलिस मुख्यालय (PHQ) में प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है, जिसे गृह विभाग के पास भेजा जाएगा। इसके बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का अनुमोदन लेकर केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।  माना जा रहा है कि सितंबर -अक्टूबर तक इन अफसरों को प्रमोशन (IPS) मिल सकता है।

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इसके तहत 1995 और 1996 बैच के राज्य पुलिस सेवा के 11 अधिकारियों को आईपीएस पद पर प्रमोट किया जाएगा।इसके लिए पहले 11 पदों के लिए गृह विभाग डीपीसी कराएगा। इसके बाद कैडर रिव्यू में इस साल स्वीकृत होने वाले पदों के लिए DPC होगी। संभावना जताई जा रही है कि इस माह के अंत तक डीपीसी की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। इस डीपीसी में 1995 और 1996 बैच के राज्य पुलिस सेवा के अफसरों को आईपीएस (IPS)पद पर प्रमोट किया जाएगा।

दरअसल, कोरोना संक्रमण और कैडर रिव्यू प्रस्ताव अटकने के कारण इस बार अब तक प्रस्ताव केंद्र सरकार को नहीं भेजा गया है, ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि जल्द ही 11 राज्य पुलिस सेवा के अधिकारियों को आइपीएस संवर्ग मिलेगा।इसके तहत एक पद के विरुद्ध तीन अधिकारियों के नाम का नाम केंद्रीय गृह मंत्रालय हो भेजा जाएगा। वही विभागीय पदोन्नति समिति की बैठक संघ लोकसेवा आयोग सितंबर-अक्टूबर में कर सकता है।

ये बन सकते है आईपीएस

प्रकाश चंद्र परिहार, निश्चल झारिया, रसना ठाकुर, संतोष कोरी, जगदीश डाबर, मनोहर सिंह मंडलोई, रामजी श्रीवास्तव, जितेन्द्र सिंह पवार, सुनील तिवारी, संजीव कुमार सिन्हा और संजीव कुमार कंचन के नाम आइपीएस संवर्ग के लिए चर्चा में बना हुआ है। 5 साल की गोपनीय चरित्रावली और अन्य रिपोर्ट के आधार पर इन्हें IPS बनने का मौका दिया जा सकता है। अनिल कुमार मिश्रा और देवेंद्र कुमार सिरोलिया के खिलाफ जांच चलने के चलते इनका नाम बाहर हो सकता है।

 


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खबर वह होती है जिसे कोई दबाना चाहता है। बाकी सब विज्ञापन है। मकसद तय करना दम की बात है। मायने यह रखता है कि हम क्या छापते हैं और क्या नहीं छापते। "कलम भी हूँ और कलमकार भी हूँ। खबरों के छपने का आधार भी हूँ।। मैं इस व्यवस्था की भागीदार भी हूँ। इसे बदलने की एक तलबगार भी हूँ।। दिवानी ही नहीं हूँ, दिमागदार भी हूँ। झूठे पर प्रहार, सच्चे की यार भी हूं।।" (पत्रकारिता में 8 वर्षों से सक्रिय, इलेक्ट्रानिक से लेकर डिजिटल मीडिया तक का अनुभव, सीखने की लालसा के साथ राजनैतिक खबरों पर पैनी नजर)

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